विजय हजारे ट्रॉफी के बाद रणजी में भी हुनर दिखा रहा ये खिलाङी

अनीशा कुमारी

रविचंद्रन स्मरण ने रणजी ट्रॉफी में डबल सेंचुरी बनाकर सबकी नजरें अपनी तरफ खीच ली है। विजय हजारे ट्रॉफी में धमाल मचाने के बाद उन्होंने अपने फॉर्म को रणजी ट्रॉफी में भी बरकरार रखा। कर्नाटक और पंजाब के बीच हो रहे रणजी मैच में 200 की पारी खेली। उनके 277 गेंदों में 25 चौके और तीन छक्के शामिल है।

बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में पंजाब और कर्नाटक के बीच भिड़ंत हुई। टॉस जीतकर कप्तान मयंक अग्रवाल ने पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। पंजाब की पारी केवल 55 रनों पर सिमट गई। जवाब में कर्नाटक की शुरुआत तो अच्छी रही  लेकिन टॉप आर्डर ज्यादा देर तक मैदान में टिक नहीं पाया। चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए स्मरण ने 100 गेंदों में 12 चौकों और एक छक्के की मदद से 83 रन की पारी खेली।

विजय हजारे ट्रॉफी  में भी रविचंद्रन स्मरण की शानदार बल्लेबाजी देखने मिली थी। देवदत्त पडिक्कल और रविचंद्रन स्मरण ने मिलकर मैच जिताने वाली पार्टनरशिप की थी। हरियाणा के खिलाफ 76 रन की पारी खेलकर उन्होंने कर्नाटक को विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में अपने पांचवें फाइनल में पहुंचाया। इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबल में उन्होंने विदर्भ के खिलाफ 101 रन की पारी खेलकर कर्नाटक को ट्रॉफी दिलाने में  महत्वपूर्ण योगदान दिया।

22 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले साल ही घरेलू क्रिकेट में डैब्यू किया था। फर्स्ट क्लास क्रिकेट के पांच मुकाबलों में वह 145 रन बना चुके हैं। लिस्ट ए में उनके नाम 433 रन दर्ज हैं जबकि छह टी20 मुकाबलों में रविचंद्रन स्मरण ने 170 रन बनाए हैं। लिस्ट ए के अब तक खेले दस मैचों में उनके नाम दो सेंचुरी और दो हाफ सेंचुरी हैं।

उन्होंने अपने टेंपरामेंट के पीछे का राज बताया कि पहले वह लापरवाह शॉट खेलते थे और जल्दी आउट हो जाते थे। अब वह धैर्य से खेलते हैं।

स्मरण की बैटिंग की क्लास घरेलू मैच में नजर आई, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि वह एक बेहतरीन फर्स्ट क्लास खिलाड़ी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें घरेलू क्रिकेट की नई सनसनी कहा जा सकता है।