आयुषी सिंह
भारत के फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर साबित कर दिया कि वह मुश्किल हालात के खिलाड़ी हैं। जम्मू-कश्मीर के खिलाफ खेले जा रहे मुकाबले में शार्दुल ने दोनों पारियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उनकी पारियों ने न केवल मुंबई को टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला बल्कि यह भी दिखाया कि उनमें दबाव के समय मैच बचाने की काबिलियत है।
पहले हाफ सेंचुरी और फिर सेंचुरी
शुक्रवार को मुंबई की दूसरी पारी में स्थिति बेहद खराब थी। टीम ने 101 रन में अपना सातवां विकेट खो दिया था और पहली पारी में सिर्फ पांच रनों की बढ़त हासिल करने के बाद हार के कगार पर खड़ी थी। ऐसे में शार्दुल ने अपने अनुभव और कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने 105 गेंदों में 15 चौकों की मदद से सेंचुरी लगाई। उनके इस प्रदर्शन के बाद मुंबई का स्कोर 250/7 हो गया और टीम ने 164 रनों की मजबूत बढ़त हासिल कर ली। यह सेंचूरी न केवल टीम को संभालने के लिए बल्कि उनके खुद के करियर के लिए भी बेहद अहम थी। इससे पहले उन्होंने हाफ सेंचुरी बनाई थी।
पहली पारी में भी दिखाया शानदार प्रदर्शन
इससे पहले गुरुवार को पहली पारी में मुंबई ने एक समय 42 रन में छह विकेट खो दिए थे। ऐसे मुश्किल हालात में उन्होंने 57 गेंदों पर 51 रन बनाए। उनकी यह पारी टीम को 120 रनों तक ले जाने में मददगार साबित हुई। यह स्कोर भले ही बड़ा नहीं था लेकिन इसने टीम को एक सम्मानजनक स्थिति में जरूर पहुंचा दिया।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जगह नहीं मिली
शार्दुल को भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया। उनकी जगह युवा नीतीश कुमार रेड्डी को मौका दिया गया लेकिन वह गेंद से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। भारत यह सीरीज 1-3 से हार गया। शार्दुल को इस फैसले से निराशा जरूर हुई होगी लेकिन उन्होंने इस रणजी मैच में अपने प्रदर्शन से अपनी क्षमता को साबित कर दिया।
शार्दुल ने 2021 के ब्रिसबेन टेस्ट में शानदार हाफ सेंचुरी बनाई थी। साथ ही सात विकेट भी हासिल किए थे। इसी साल ओवल टेस्ट में उन्होंने 67 रन बनाए और सात विकेट हासिल किए। जोहानिबर्ग टेस्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक विकेट हासिल किए।