इन दिनों पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नज़म सेठी बौखलाए हुए हैं।
उनकी नाराज़गी की बड़ी वजह वे क्रिकेट बोर्ड हैं जो एक समय उनके साथ खड़े
होते थे लेकिन आज वे बीसीसीआई के साथ हैं जिससे मुमकिन है कि वह एशिया कप
से हट जाए। यह स्थिति तब है जबकि पाकिस्तान के पास इस टूर्नामेंट की
मेजबानी के राइट्स हैं।
पहले टीम इंडिया ने पाकिस्तान खेलने से मना किया तो श्रीलंका और
बांग्लादेश ने भी मना कर दिया। एशियाई क्रिकेट काउंसिल ने एक अनौपचारिक
बातचीत में श्रीलंका में इसके मैच आयोजित करने के लिए कहा तो इसके लिए ये
तीनों देश तैयार हो गए। बाकियों ने भी विरोध नहीं किया लेकिन अलग-थलग
पड़ा पाकिस्तान इससे बौखला गया। उसने अपनी बात ऊपर रखने के लिए कह दिया
कि वह यूएई में टूर्नामेंट कराने के लिए तैयार है। मगर यहां इन तीनों
देशों में सितम्बर में गर्मी का हवाला देते हुए पाकिस्तान के प्रस्ताव को
खारिज कर दिया।
श्रीलंका बोर्ड शुरू से बीसीसीआई के साथ रहा है क्योंकि टीम इंडिया
समय-समय पर उसके साथ वे सीरीज़ भी खेलने के लिए तैयार हो जाती है जिनका
एफटीपी में कोई ज़िक्र नहीं होता। इससे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को भारत
से खेलकर चार पैसे बनाने का मौका मिल जाता है। इस बात से अब बांग्लादेश
भी प्रभावित हुआ है। जब से आईसीसी का नया वित्त मॉडल सबके सामने आया है,
तब से बांग्लादेश ने अपना रुख बदल लिया है। उसे इस बात का भरोसा हो गया
है कि आईसीसी के राजस्व में केवल पांच फीसदी राशि जिन आठ देशों में
बंटेगी, उनमें से एक बांग्लादेश भी होगा। वहीं टीम इंडिया को इस राजस्व
में से सबसे अधिक 38.5 फीसदी यानी करीब 1800 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी।
ऐसी स्थिति में टीम इंडिया बांग्लादेश क्रिकेट का बहुत बड़ा फायदा कर
सकता है। ज़ाहिर है कि एशिया कप के मसले पर उसने अपना स्टैंड बदला और वह
भारत के साथ खड़ा हो गया। दूसरे, वह जानता है कि अगर एशिया कप से
पाकिस्तान हटने की घोषणा करता है तो उसके राइट्स बांग्लादेश को मिल सकते
हैं क्योंकि रोटेशन में अब उसीका नम्बर है।
ज़ाहिर है कि बीसीसीआई का आईसीसी में रुतबा बढ़ा है और श्रीलंका के साथ
बांग्लादेश बोर्ड भारत के साथ खड़ा है। पीसीबी अध्यक्ष ने समझदारी इतनी
की है कि उसने भारत में होने वाले वर्ल्ड कप से हटने का विचार छोड़ दिया
है। अब वह सिर्फ अपने अवाम को खुश करने के लिए अहमदाबाद में भारत-पाक मैच
के सम्भावित आयोजन स्थल का विरोध कर रहा है। इसीलिए कभी वह यूएई में
आईसीसी पर भारत में अपने पसंदीदा वैन्यू के लिए दबाव डाल रहा है तो वही
वह एशियाई क्रिकेट काउंसिल में एशिया कप को यूएई में कराने पर अड़ गया
है। बहुत सम्भव है कि वह एशिया कप छोड़कर तीन देशों का टूर्नामेंट अपनी
ज़मीं पर करा दे। यानी उसके लिए ब्रॉडकास्टर नाराज़ होता है तो हो, बस
उसे अपनी ज़िद पर अड़े रहना है।