फ्रेंचाइज़ी लीग ने तबाह कर दिया एक चैम्पियन टीम को

Date:

Share post:

~दीपक अग्रहरी

वेस्टइंडीज क्रिकेट रसातल पर पहुंच चुका है। कभी वर्ल्ड क्रिकेट में राज करने वाले धुरंधरों से सजी कैरिबियाई टीम 1975 और 1979 के वर्ल्ड कप की चैम्पियन थी। आज स्थिति यह है कि यह टीम अक्टूबर में भारत में होने वाले 50 ओवर क्रिकेट वर्ल्डकप के लिए भी क्वॉलीफाई भी नहीं कर पाई है। पिछले पांच छह वर्षों के रिकॉर्ड को देखें तो वेस्टइंडीज का प्रदर्शन लगातार नीचे गिरा है और अब यह टीम अदना सी टीमों से भी हारने लगी है। पिछले दिनों ज़िम्बाब्वे, स्कॉटलैंड और नीदरलैंड जैसी टीमों ने भी उसे धो दिया था।

जिस टी-20 फॉर्मेट में यह टीम दो बार की वर्ल्ड चैम्पियन है, उसमें भी इस टीम की दाल नहीं गल रही। दो साल पहले वह इस फॉर्मेंट के वर्ल्ड कप के लिए भी क्वॉलीफाई नहीं कर पाई थी । पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में यह टीम लीग स्टेज से बाहर हो गई। वेस्टइंडीज के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी डिमांड फ्रेंचाइजी क्रिकेट में बहुत है और ये खिलाड़ी विदेशी लीगों में काफी मोटी रकम हासिल करते हैं। निकोलस पूरन को आइपीएल में लखनऊ सुपर जायंट से 16 करोड़ रुपये की राशि हासिल हुई थी। वहीं आलराउंडर जेसन होल्डर पर राजस्थान रॉयल्स ने पौने छह करोड़ रुपये खर्चे किए थे। शिमरन हैटमायर, अकिल हुसैन, अल्जारी जोसेफ जैसे कई खिलाड़ी भी दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेल रहे हैं। फिर भी ऑस्ट्रेलिया में वेस्टडंडीज का प्रदर्शन पिछले साल दोयम दर्जे का रहा। टी-20 के अलावा वनडे में भी टीम लगातार निराश कर रही है। खिलाड़ियो का अपने देश से ज्यादा पैसों के प्रति रूझान है जिसके चलते उसके ज़्यादातर खिलाड़ी फ्रेंचाइजी क्रिकेट को नेशनल ड्यूटी पर तरजीह दे रहे हैं।

टेस्ट फार्मेट में यह टीम इन दिनों विदेशी सरजमीं पर बिना लड़े घुटने टेक रही हैं। भारत के खिलाफ पहला क्रिकेट टेस्ट इसका बड़ा उदाहरण है जिसमें उसे पारी से शिकस्त मिली थी। लगातार लचर प्रदर्शन इस बात की गवाही दे रहा है कि अब वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों में पहले वाली आग नहीं रही।

70 और 80 के दशक में इसी टीम का जलवा हुआ करता थी। एंडी रॉबर्ट्स से लेकर ज्योल गार्नर, माइकल होल्डिंग और माल्कम मार्शल की गेंदबाज़ी खूब कहर बरपाया करती थी। वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम कई छोटे-छोटे देशों से बनी है। ऐसे मुल्क जो ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुए थे और उन खिलाड़ियो में आजादी के प्रति रोष था, जो अंग्रेजों के प्रति जल रहीं आग को क्रिकेट मैदान में अपने खेल के माध्यम से जाहिर करते थे। सर गैरी सोबर्स जैसे ऑलटाइम ग्रेट ऑलराउंडर, विवियन रिचर्ड्स, डेसमंड हेंस और गोर्डन ग्रीनिज जैसे बल्लेबाज़ और  क्लाइव लॉयड जैसे धाकड़ कप्तान इसी टीम की देन रहे हैं। इनकी बदौलत वेस्टइंडीज टीम ने क्रिकेट पर तकरीबन दो दशकों तक राज किया था। खिलाड़ियों में महरून जर्सी के लिए वह आग दोबारा जलाने की जरूरत है। नहीं तो क्रिकेट के लिए उनके सबसे पहले सरताज का ऐसा पतन वास्तव में हजम नहीं होता। यहां से यह उम्मीद की जा सकती है कि यह टीम यदि इन सब कमज़ोरियों से निजात पा ले तो एक दिन यह टीम दोबारा पुराने मुकाम तक पहुंचने में कामयाब हो सकती हैं। Lets hope for the best….

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

आईपीएल 2025 में फिर मंडराया फिक्सिंग का साया, बीसीसीआई ने टीम मालिकों और खिलाड़ियों को दिया अलर्ट

मनोज कुमार आईपीएल 2025 में बीसीसीआई ने सभी टीम मालिकों और खिलाड़ियों को हैदराबाद के एक बिजनेसमैन से सतर्क...

दिल्ली कैपिटल्स की CSK पर जीत में केएल राहुल की शानदार बल्लेबाज़ी

केएल राहुल ने 51 गेद पर 77 रन की पारी खेली। उन्होंने छह चौके और तीन छक्के लगाए और...

न्यूजीलैंड ने किया पाकिस्तान का व्हाइट-वॉश, टी-20 सीरीज़ में भी बुरी तरह हराया था

मनोज कुमार नई दिल्ली : पाकिस्तान की टीम वनडे क्रिकेट में व्हाइटवॉश की शिकार हो गई। माउंटमानगुनई में खेले...

निकोलस पूरन: लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए 1 हज़ार रन किए पार, पहुंचे दूसरे स्थान पर

ऋतु जोशी हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में एलएसजी के निकोलस पूरन ने  एसआरएच के खिलाफ हैदराबाद में...