अकरम अगर स्विंग के सुलतान तो शमी सीम के सुलतान, फाइनल में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद

Date:

Share post:

अकरम अगर स्विंग के सुलतान तो शमी सीम के सुलतान, फाइनल में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद

 

मोहम्मद शमी के दाएं हाथ को आज गोल्डन आर्म कहा जाने लगा है और क्यों न कहा जाए। उन्होंने बाकी खिलाड़ियों से चार मैच कम खेलकर वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा विकेट जो हासिल किए हैं और उसमें पांच या इससे अधिक विकेट लेने का कमाल तीन बार उन्होंने किया है। इससे भी बड़ी बात यह है कि इनमें बाएं हाथ के आठ बल्लेबाज़ों के विकेट शामिल हैं। यानी जो काम कभी रविचंद्रन अश्विन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को निपटाकर किया करते थे, उस काम को अब शमी बखूबी अंजाम देने लगे हैं।

दरअसल बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए शमी आम तौर पर राउंड द विकेट आते हैं जिससे उन्हें अपनी खासकर अपराउट सीम के लिए अच्छा कोण मिलता है। इसी अंदाज़ में उन्होंने रचिन रवींद्र को दो बार और कॉन्वे, लॉथम, मिचेल सेंटनर, बेन स्टोक्स, मोइन अली और चरित असलंका को एक-एक बार पविलियन भेजा है। कॉन्वे को तो वह आईपीएल में भी चार में से तीन बार आउट कर चुके हैं। रचिन और कॉन्वे के लिए उनकी सीम मूवमेंट ज़रा सी बाहर गई और ये दोनों को भी बाहर जाना पड़ा। दरअसल बल्लेबाज़ उनके चौथे स्टम्प की गेंद पर यह तय नहीं कर पाता कि गेंद अंदर आएगी या बाहर जाएगी। नतीजतन, 140 कि.मी. की रफ्तार की गेंद पर जब तक बल्लेबाज़ कुछ तय कर पाता है, तब तक गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई विकेटकीपर के दास्तानों में चली जाती है। सेमीफाइनल में रचिन और कॉन्वे को उन्होंने कुछ इसी तरह आउट किया।

बेन स्टोक्स को शमी ने डॉट बॉल का दबाव बनाकर आउट किया। नौ डॉट बॉल का दबाव और दसवीं गेंद की परफैक्ट सीम मूवमेंट से उनकी गिल्लियां बिखर गईं। जिस तरह जसप्रीत बुमराह गेंद को सीम कराने के लिए अपनी कलाई पर काफी हद तक निर्भर रहते हैं, वहीं शमी गेंद को सीधे हिट करने में विश्वास करते हैं। सच तो यह है कि शमी 50 ओवर के फॉर्मेट में भी टेस्ट के माइंडसेट से गेंदबाज़ी करते हैं। मैक्सवेल ने तो उनकी सीम की तुलना उस कारपेंटर से की है जिन्हें लकड़ी के काम में एक कोने से दूसरे कोने तक का सही और सीधा अंदाज़ा होता है।

शमी न तो वॉवेल सीम पर भरोसा करते हैं और न ही क्रॉस सीम पर। वॉवेल सीम को खासकर इंग्लिश कंडीशंस में जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड ने लोकप्रिय किया है। वहीं सिराज और शार्दुल आम तौर पर क्रॉस सीम का इस्तेमाल बाउंसर के लिए करते हैं। शमी ने इस वर्ल्ड कप में टॉम लॉथम को अपनी रफ्तार और स्किड होती गेंदों से छकाया था। रचिन को लीग मैच में उन्होंने ऑफ कटर पर आउट किया। इसका मतलब यह है कि उनके तरकश में कई तीर हैं, जिसे वह मैच की कंडीशंस और बल्लेबाज़ की ताक़त को ध्यान में रखते हुए इसका इस्तेमाल करते हैं। अगर आज वसीम अकरम को स्विंग का सुलतान कहा जाता है तो वहीं मोहम्मद शमी को सीम का सुलतान कहना ग़लत नहीं होगा।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

छक्कों का तूफान…IPL में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले टॉप बल्लेबाज़

निष्ठा चौहान आईपीएल क्रिकेट को दनादन क्रिकेट भी कहा जाता है जिसमें पॉवर हिटिंग का अपना महत्व है। बात...

शुभमन गिल ने किया इस साल की अपनी रणनीति का खुलासा

ऋतु जोशी गुजरात टाइटंस इस बार आईपीएल में अपना पहला मैच पंजाब किंग्स के खिलाफ अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी...

IPL 2025: समीर रिजवी की सेंचुरी और धोनी का हेलिकॉप्टर शॉट…लेकिन पथिराना ने दो बार किया बोल्ड

निष्ठा चौहान आईपीएल 2025 में 23 मार्च को चेन्नई में धमाल मचाने उतरेंगे एमएस धोनी। इस दौरान  सीएसके का मुकाबला...

सूर्यकुमार यादव को मुम्बई इंडियंस में मिली बड़ी ज़िम्मेदारी

ऋतु जोशी हार्दिक पांड्या पर लगे एक मैच के बैन के बाद सूर्यकुमार यादव मुम्बई इंडियंस की ओर से...