~प्राची कपरुवाण
टाटा ने आईपीएल टाइटल का अधिकार पांच साल के लिए ₹500 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। टाटा ग्रुप ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल के अधिकारों को सफलतापूर्वक बरकरार रखा। उन्होंने सौदे को 2028 तक बढ़ाकर अगले पांच सालों के लिए अपनी जगह सुरक्षित कर ली है। समझौते के अनुसार वह हर सीजन 500 करोड़ रुपये का योगदान करेंगें।
टाटा ने टेंडर डॉक्यूमेंट में दिए गए राइट-टू-मैच का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। उन्होंने इस राइट के द्वारा 2500 करोड़ की बोली लगाई। टाटा ग्रुप ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की ₹2500 करोड़ (हर साल ₹500 करोड़) की बोली की बराबरी की। अगले पांच वर्षों (2024-28) तक के लिए आईपीएल टाइटल के अधिकार बरकरार रखने में कामयाब रहा।
एबीजी अधिकारों के लिए बोली लगाने वाली अकेली कंपनी थी। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि राइट-टू-मैच राइट की वजह से बोली प्रक्रिया में रुचि की कमी हो सकती है, क्योंकि टाटा सही कीमत पर जारी रखने के लिए इच्छुक हैं। बीसीसीआई अधिकारी इस बात से खुश हैं कि अधिकार एक नामी व्यावसायिक घराने के पास हैं।
वीवो ने 2018 सीजन के शुरुआत में पांच साल के समय के लिए अधिकार हासिल कर लिए थे। जिसमें 2199 करोड़ रुपये का भुगतान करने की प्रतिबद्धता जताई गई थी, आखिरी साल में 512 करोड़ रुपये तय किए गए थे। यह सौदा छह साल तक चला, क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान इसे एक साल के लिए रोक दिया गया था। टाटा ने वीवो से सब-लाइसेंस लेने के बाद 2022 में अधिकार हासिल कर लिए थे। वीवो स्मार्टफोन कंपनी ने अलग-अलग कारणों से इस सौदे से पीछे हटने की मांग की। जिसमें एक कारण वीवो चीनी कनेक्शन भी था। वीवो ने 2021 में एक साल के लिए वापस आया था। जिसके बाद टाटा ने उसकी जगह ले ली थी और इसके लिए उन्होंने दो सालों के लिए 670 करोड़ रुपये दिए।
टाटा बीसीसीआई को पिछले अनुबंध से 50 फीसदी से ज्यादा का भुगतान कर रहा है लेकिन वीवो द्वारा भुगतान किए गए भुगतान की तुलना मे देखा जाए तो इसमें सिर्फ 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, वह खुश हैं कि टाटा और बिरला ने बोली लगाई।
पिछले साल, बीसीसीआई ने टाइटल और सेंट्रल स्पॉन्सरशिप से सालाना कुल ₹1000 करोड़ कमाए।