अभी उम्मीद बाकी है….तभी जब पाकिस्तान जीतता जाए, न्यूज़ीलैंड हारता जाए

Date:

Share post:

पाकिस्तान की बांग्लादेश पर जीत बहुत कुछ बयान करती है। पहली यह कि इस जीत से पाकिस्तान को खासकर गेंदबाज़ी में अपनी खोई हुई ताक़त को फिर से पाने का मौका मिल गया। दो, फख्र ज़मां को टीम में शामिल करना मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ और तीसरा यह कि टूर्नामेंट में अभी चौथे स्थान की जंग खत्म नहीं हुई है। यह बात इस जीत से साबित हो गई है।

वैसे अफगानिस्तान भी होड़ में है लेकिन उसका पाला अभी साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों से होना है। अगर नीदरलैंड को वह हरा भी लेता है तो भी उसे अन्य टीमों के परिणाम पर निर्भर रहना होगा। यही हाल पाकिस्तान का है। चार मुक़ाबले हारने के साथ ही उसे भी खासकर ऑस्ट्रेलिया या न्यूज़ीलैंड की हार की उम्मीद करनी होगी। सबसे बड़ी चुनौती बुधवार को साउथ अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड के बीच होने वाला मुक़ाबला है जिसमें खासकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टीमें न्यूज़ीलैंड की हार की दुआएं ज़रूर कर रही होंगी। न्यूज़ीलैंड की टीम वैसे भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पिछले मुक़ाबले हार चुकी है। ऐसे में चार नवम्बर को बैंगलुरु में न्यूज़ीलैंड-पाकिस्तान मैच बेहद रोमांचक हो जाएगा। न्यूज़ीलैंड का इस वर्ल्ड कप में प्रदर्शन पाकिस्तान से कहीं बेहतर रहा है लेकिन यह भी सच है कि पाकिस्तान को इस साल न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सबसे ज़्यादा खेलने का अनुभव मिला है। उसके खिलाफ इस साल दो सीरीज़ आयोजित की गईं जिनमें एक पाकिस्तान ने और एक न्यूजीलैंड ने जीती।

पाकिस्तान के लिए पॉज़ीटिव यही है कि शाहीन शाह आफरीदी नई गेंद से पहले की तरह असरदार साबित होने लगे हैं। जिस तरह बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उन्होंने शुरुआती ओवरों में तंजीत हसन और नजमुल हुसैन शांतो को लेंग्थ में बदलाव करके और खासकर तंजीद को बाहर की ओर मूव होती गेंद पर आउट किया, वह काबिलेगौर है। इतना ही नहीं, पुरानी गेंद से उन्होंने बांग्लादेश के बेहद अनुभवी बल्लेबाज़ महमदुल्ला के विकेट राउंड द विकेट गेंदबाज़ी करते हुए चटकाए, वह भी काबिलेगौर है। उस समय आफरीदी खतरनाक साबित हो रहे थे। वसीम जूनियर को हसन अली पर तरजीह देना पाकिस्तान टीम का बड़ा कदम रहा क्योंकि वसीम जूनियर को आखिरी ओवरों में रिवर्स स्विंग मिला। हारिस रउफ का मुशफीकुर रहीम और शाकिब अल हसन के अहम विकेट चटकाना भी मैच का बड़ा अंतर साबित हुआ जबकि पिछले मुक़ाबलों में वह बेअसर साबित हो रहे थे। अगर सलमान आगा को टीम में रखा गया है तो फिर वह एक बल्लेबाज़ और ज़रूरत पड़ने पर कम से कम वैसी स्पिन गेंदबाज़ी तो कर ही सकते हैं जैसी कि नवाज करते हैं। पहले वह विकेट टू विकेट गेंदबाज़ी करते थे लेकिन अब उनसे वैसी भी गेंदबाज़ी नहीं हो रही। ज़ाहिर है कि न्यूज़ीलैंड का डाउनफॉल ही पाकिस्तान की जीत जगा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Harry Brook created history with his triple century

Vishwas Puri England’s Youngster Harry Brook did brilliant with his bat after scoring a whacking triple century on the day...

Is Nitish Kumar Reddy the pace all rounder Indian team is in hunt for?

Vishwas Puri India’s new all-rounder, Nitish Kumar Reddy, earned a lot of admiration today on account of his complete all-round...

Ratan Tata and his beneficence in cricket

Vishwas Puri Our country lost the “Titan” Ratan Tata at the age of 86. He took his last breath on...

The double century partnership of Brook and root pushes England near to 500

Vishwas Puri The approach of England made them bounce back on the third day of the first test match...