किसी क्रिकेट लीग की नीलामी की दुनिया भी कितनी अजीब है, जहां कई बार प्रदर्शन से ज़्यादा किस्मत के मायने होते हैं। किसी खिलाड़ी की बोली इतनी ऊपर पहुंच जाती है कि खिलाड़ी को ही यकीन नहीं होता कि ऐसा कैसे हो गया। वहीं शानदार प्रदर्शन के बावजूद अगर किसी खिलाड़ी को खरीददार न मिले या फिर मिले तो बहुत कम मिले तो यह तथ्य किसी खिलाड़ी को हताश करने के लिए काफी है।
न्यूज़ीलैंड के ऑलराउंडर रचिन रवींद्र को पिछले वर्ल्ड कप से पहले हर कोई एक स्पिनर के तौर पर जानता था और यह भी जानता था कि वह ठीक-ठाक बल्लेबाज़ी कर सकते हैं लेकिन किसी ने यह अंदाज़ा नहीं लगाया होगा कि यह खिलाड़ी वर्ल्ड कप में तीन सेंचुरी बनाकर अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने का कमाल कर दिखाएगा। इस प्रदर्शन के बाद हर किसी की ज़ुबान पर यही था कि इस खिलाड़ी पर आईपीएल में अच्छी खासी बोली लगने वाली है लेकिन उम्मीद के विपरीत इस खिलाड़ी को केवल 1.80 करोड़ में चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपनी टीम में शामिल किया। वहीं जिस शार्दुल ठाकुर को टीम इंडिया ने प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया था, उस खिलाड़ी को इसी टीम ने चार करोड़ में शामिल किया। इसी तरह रचिन की ही टीम के डेरेल मिचेल पर 14 करोड़ की भारी भरकम बोली लगी।
पैट कमिंस की कहानी भी विचित्र है। उन्हें 20.50 करोड़ में सनराइजर्स हैदराबाद ने अपने पाले में किया जबकि यह खिलाड़ी खासकर गेंदबाज़ी में उतार पर है। सबसे छोटे फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन बाकी फॉर्मेट जैसा नहीं है लेकिन एसआरएच की टीम सम्भवत: उनमें एक कप्तान की छवि की तलाश कर रही थी। वहीं आरसीबी ने उन पर लगातार बोली लगाकर एसआरएच की पॉकेट को हल्का करने का काम किया।
श्रेयस गोपाल ने कभी आईपीएल में विराट, एबी डिविलियर्स और स्टायनिस को आउट करके हैट-ट्रिक पूरी की थी लेकिन यही खिलाड़ी इस बार नीलामी में 20 लाख ही पा सका। यानी सबसे न्यूनतम। इतना ही नहीं, जिस रिंकू सिंह ने एक ओवर में पांच छक्के लगाकर मैच जिताने का काम किया, उन्हीं रिंकू को इस बार केकेआर ने 55 लाख रुपये में ही अपनी टीम में शामिल कर लिया जबकि 2018 में इस खिलाड़ी पर 80 लाख की बोली इसी टीम ने लगाई थी। बाकी टीमों ने रिंकू में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जबकि इस खिलाड़ी ने हाल में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और उनमें भविष्य के बेहतरीन फिनिशर बनने के सभी गुण मौजूद हैं। इन्हीं रिंकू पर पांच छक्के खाने वाले यश दयाल को आरसीबी ने पांच करोड़ में शामिल किया। क्या विडम्बना है कि पांच छक्के मारने वाला 55 लाख और पांच छक्के खाने वाला पांच करोड़।