सुहानी गुप्ता
आईसीसी ने 2023 टी-20आई टीम ऑफ द इयर की पुरुष टीम की घोषणा कर दी है। इस टीम में भारतीय खिलाड़ियों का जलवा रहा है। सूर्यकुमार यादव, अर्शदीप सिंह, रवि बिश्नोई और यशस्वी के साथ चार भारतीय शामिल हैं। वहीं पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के किसी भी खिलाड़ी को इस टीम में जगह नहीं मिली है।
टीम इस प्रकार है- यशस्वी जायसवास, फिल साल्ट, सूर्यकुमार यादव, सिकंदर रज़ा, निकलस पूरन, अल्पेश रामजानी, मार्क अडायर, रिचर्ड नगारवा, अर्शदीप सिंह, रवि बिश्नोई और मार्क चैपमैन।
एक नज़र डालते हैं भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर-
यशस्वी जायसवाल
जून 2023 में, जायसवाल को वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए भारत की टेस्ट क्रिकेट टीम में पहली बार मौका मिला । उन्होंने सीरीज के पहले टेस्ट में 171 रनों की पारी की और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी मिला। उन्होंने अगस्त 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज के तीसरे मैच में अपने टी-20आई करियर की शुरुआत भी की। 2023 अगस्त से जायसवाल ने 17 मैच खेलते हुए 502 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 161 का है। जायसवाल तूफानी अंदाज में टीम को शुरुआत दिलाते हैं और विकेट की परवाह किए बिना ज्यादा से ज्यादा बांउड्री लगाने की कोशिश करते हैं। फिलहाल वह रोहित शर्मा के साथ आने वाले वर्ल्ड कप ओपनिंग जिम्मेदारी संभालने के सबसे बड़े दावेदार हैं।
सूर्यकुमार यादव
पिछले एक साल में सूर्यकुमार यादव ने टी-20 में अपने आंकड़ों को और बेहतर किया है। वनडे में उनका प्रदर्शन बेहद लचर रहा है लेकिन अपने पसंदीदा फॉर्मेट में सूर्य इस समय दुनिया में सबसे उम्दा खिलाड़ी है। 2023 में 18 मैच खेलते हुए 733 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 155 का रहा है और उन्होंने दो सेंचुरी और पांच हाफसेंचुरी भी जड़ी है।
रवि बिश्नोई
अपने छोटे से करियर में बिश्नोई ने खूब वाहवाही बटोरी है। पिछले सप्ताह ही अफगानिस्तान के खिलाफ इस युवा गेंदबाज ने सुपर ओवर में कमाल की गेंदबाजी की और भारत को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई। रवि बिश्नोई कुछ दिनों तक टी-20 रैंकिंग में नंबर एक गेंदबाज भी बने थे। अपने 24 मैचों के करियर में बिश्नोई 36 विकेट चटकाए हैं।
अर्शदीप सिंह
2022 में टी-20 वर्ल्ड कप में प्रभाव छोड़ने के बाद, उन्होंने 2023 में भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और भारत के लिए 21 मैचों में 26 विकेट लिए। अर्शदीप ने टी-20 फॉर्मेट में लगातार बढ़िया खेल दिखाया है और खासकर डेथ ओवरों की जिम्मेदारी को बुमराह की गैरमौजूदगी में उन्होंने बखूबी निभाया है।