भारत और जिम्बाब्वे के बीच टी20 सीरीज के अंतिम मैच में एक ऐसा अद्वितीय
पल देखने को मिला, जिसे दर्शक शायद ही कभी भूल पाएंगे। भारतीय टीम के
बाएं हाथ के ओपनर यशस्वी जायसवाल ने मैच की पहली ही गेंद पर छक्का जड़कर
सभी को चौंका दिया। यह गेंद जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा ने की थी। जैसे ही जायसवाल ने छक्का लगाया, कप्तान की हैरानी और बढ़ गई जब अम्पायर ने इसे नो-बॉल करार दिया। इस प्रकार जायसवाल को फ्री-हिट मिल गई, जिसे उन्होंने फिर से छक्के में बदल दिया। इस प्रकार, जायसवाल दुनिया के पहले ऐसे बल्लेबाज बन गए जिन्होंने एक गेंद पर टीम के लिए 13 रन जोड़े।
जायसवाल की इस धुआंधार शुरुआत ने न केवल दर्शकों को रोमांचित कर दिया
बल्कि भारतीय टीम के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार किया। इस मैच में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जिम्बाब्वे को 4-1 से सीरीज में हरा दिया। अंतिम मैच के नायक बने मुकेश कुमार, जिन्होंने 3.3 ओवर में 21 गेंदों पर 4 विकेट चटकाए। मुकेश कुमार की गेंदबाजी ने जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया और उन्होंने अपनी सटीक गेंदबाजी से विरोधी टीम को बैकफुट पर धकेल दिया। मुकेश की इस बेहतरीन गेंदबाजी ने मैच में एक निर्णायक भूमिका निभाई।
वहीं, संजू सैमसन ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से टीम को मजबूती दी और अंतिम
मैच में जीत दिलाई। संजू ने न केवल टीम को मुश्किल समय में संभाला, बल्कि
अपने तेज-तर्रार शॉट्स से दर्शकों का मनोरंजन भी किया। उन्होंने अपने
अनुभव का पूरा उपयोग करते हुए आवश्यक रन बनाए और टीम को जीत के रास्ते पर
ले गए। सैमसन की इस पारी ने भारतीय बल्लेबाजी क्रम को स्थिरता दी और
सुनिश्चित किया कि टीम किसी भी मुश्किल परिस्थिति
इस पूरे टी20 सीरीज में भारतीय टीम ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित
किया। खिलाड़ियों की मेहनत और टीमवर्क की बदौलत भारत ने यह सीरीज 4-1 से
अपने नाम की। इस सीरीज में भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने अपने व्यक्तिगत
प्रदर्शन से लेकर टीम के लिए योगदान तक यानी हर मोर्चे पर शानदार खेल दिखाया।