ऑस्ट्रेलिया की पेस तिकड़ी ने इस वर्ल्ड कप में बहुत निराश किया है।
मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हैजलवुड की तिकड़ी विपक्षी बल्लेबाजों
पर दबाव बनाने में असफल रही है। अफगानिस्तान ने वानखेड़े स्टेडियम में इस
गेंदबाजी यूनिट के खिलाफ 291 रन बनाए। एडम ज़ैम्पा को छोड़कर अन्य सभी
गेंदबाजों ने संघर्ष किया। टूर्नामेंट की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुत
साधारण रही। शुरुआती दो मैच लगातार हारने के बाद एडम ज़ैम्पा इस टीम की
वर्ल्ड कप गाड़ी को वापस पटरी में लेकर आए लेकिन वह भी कई मोर्चो पर
अकेले पड़ गए। नतीजा…? न्यूज़ीलैंड से 389 के जवाब में ऑस्ट्रेलिया को
383 रन पड़े। साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान ने भी इस बॉलिंग के खिलाफ क्रमशः
311 और 305 रन बनाए है। कमिंस और स्टार्क अब पहले जैसे बॉलर नहीं रहे।
स्टार्क अपनी लय खो चुके हैं। वह डेथ ओवरों में भी कारगार नहीं साबित हो
रहे हैं। नीदरलैंड के खिलाफ वार्मअप मैच में स्टार्क ने हैट-ट्रिक लेकर
फार्म में आने के संकेत दिए थे और जैसा कि उम्मीद थी कि स्टार्क वर्ल्ड
कप में अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं लेकिन यह वर्ल्ड कप 2015 के मैन ऑफ द
टूर्नामेंट के लिए बहुत ही ठंडा रहा है। स्टार्क ने
इस वर्ल्ड कप में 10 विकेट हासिल किए हैं लेकिन बदले में 6.55 की इकॉनामी से 439 रन भी उनकी
गेंदबाजी खाते में जुड़े।
पैट कमिंस के इस वर्ल्ड कप में लचर प्रदर्शन ने दिखाया कि वनडे में
गेंदबाजी कोड अभी भी यह खिलाड़ी नहीं क्रैक कर पाया है। यह खिलाड़ी
लिमिटेड ओवर्स में टेस्ट जैसा प्रभावशाली नहीं है। कमिंस ने इस वर्ल्डकप में आठ मैच खेलते हुए
10 विकेट तो जरुर लिए हैं लेकिन 6.04 की महंगी इकॉनामी से 374 रन लुटाए भी हैं।
इस तिकड़ी के तीसरे पेसर जोश हैजलवुड अपने दोनों साथियों से बेहतर रहे हैं। इस गेंदबाज ने 5.22 की इकॉनमी से 12 विकेट हासिल किए हैं। हैजलवुड अपनी कसी और सटीक गेंदबाजी से दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं लेकिन दूसरे छोर से कोई सहयोग न मिलने पर वह भी ज़ैम्पा जैसे अकेले पड़ गए।