– राजीव मिश्रा 31 May :
कहते है हर तारीख़ की अपनी एक तासीर होती है कुछ ऐसा ही तारीख होगी 9 जून … जब एक क्रिकेटर नीली जर्सी पहनकर मैदान पर उतरेगा .. 37 साल का ये खिलाड़ी एक साल पहले क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुका था और कामेंट्री बाक्स उसको रास आने लगा था .. पर ipl 15 ने मानो इस क्रिकेटर की क़िस्मत ही बदल दी .. ये खिलाड़ी है दिनेश कार्तिक जिसके लिए साल 2022 संजीवनी लेकर आया ..
सिलसिलेवार आपको बताते हैं कि कार्तिक की क़िस्मत मैच दर मैच कैसे बदलती चली गई जिसमें सबसे पहले रायल चैलैंजर्स बैंगलुरु का राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच ज़ेहन में आता है जो फँस हुआ था । लक्ष्य 170 रन का ही था लेकिन अंत तक आते आते बाज़ी अटक गई।
राजस्थान जीत की हैट्रिक लगाने ही वाला था कि दिनेश कार्तिक रास्ते की अड़चन बन गए। उस वक्त 42 गेंद पर 82 रन चाहिए थे। विकेट भी इतने नहीं बचे थे कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ज़रूरत से ज़्यादा जोखिम उठा सके। किसी एक खिलाड़ी को ‘कैलकुलेटेड रिस्क’ लेना था। ये रिस्क दिनेश कार्तिक ने लिया।
उन्होंने 14वें ओवर में 21 रन ठोंककर लक्ष्य को आसान किया। जिस ओवर में उन्होंने 21 रन ठोंके वो ओवर आर अश्विन का था। जिनके ख़िलाफ़ ज़रा सी भूल भारी पड़ सकती थी लेकिन इस ओवर में कार्तिक ने तीन चौके और एक छक्का लगाया। अश्विन के ओवर में कुल 21 रन बटोरने के बाद अगले ओवर में भी दिनेश कार्तिक ने नवदीप सैनी को दो चौके लगाए। अंत में 23 गेंद पर 43 रन बनाकर दिनेश कार्तिक ने राजस्थान की जीत की हैट्रिक के सपने को तोड़ दिया। उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया। दिनेश कार्तिक की ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की बदौलत ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को सीज़न की दूसरी जीत मिली थी
इस पारी से पहले में भी कार्तिक ने की थी शानदार बल्लेबाज़ी ।
वैसे पूरे टूर्नामेंट में दिनेश कार्तिक ने इस तरह की कोई धमाकेदार पारिया खेली इससे पहले वाले मैच में कार्तिक का बल्ला जमकर चला था। उनकी बल्लेबाज़ी पर चर्चा इसलिए नहीं हुई क्योंकि उनकी टीम हार गई। पंजाब किंग्स के खिलाफ उस मैच में दिनेश कार्तिक ने सिर्फ़ 14 गेंद पर 32 रन बनाए थे।
इसमें तीन चौके और तीन छक्के शामिल थे। कार्तिक की धमाकेदार पारी की बदौलत ही रॉयल चैलेंसर्स बैंगलोर ने स्कोरबोर्ड पर दो सौ रनों का आँकड़ा पार किया। वो तो ओडियन स्मिथ ने आख़िरी ओवरों में 8 गेंद पर 25 रन बनाकर पंजाब के लिए बाज़ी ही पलट दी।
वरना दिनेश कार्तिक उस मैच में भी स्टार होते। लगे हाथ ये भी जान लीजिए कि दिनेश कार्तिक इस फ़ॉर्मेट में लगातार चमकने वाले खिलाड़ी हैं। आईपीएल के इतिहास में उन्होंने 229 मैच में 4376 रन बनाए हैं। उनकी स्ट्राइक रेट 132 की है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े मौजूदा स्टार विराट कोहली और रोहित शर्मा भी इसी स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। बावजूद इसके दिनेश कार्तिक को उस तरह का रूतबा नहीं मिलता है, जिसके वो हक़दार हैं।
क्या धोनी, ऋषभ जैसे सितारों के सामने फीकी पड़ जाती है कार्तिक की चमक?
ये सवाल अक्सर इसलिए उठता है क्योंकि क़रीब 18 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहने के बाद भी दिनेश कार्तिक का वो रूतबा नहीं रहा जो पहले धोनी और फिर ऋषभ पंत का है। कार्तिक ‘अनसंग हीरो’ जैसे रहे। दरअसल धोनी ने जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा तो कुछ ही समय में धोनी भी आ गए। धोनी के शुरूआती मैचों में 148 और 181 रन की दो पारियों ने धूम मचा दी।
धोनी की चमक लंबे समय तक क़ायम रही। शुरू के दिनों में ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी से और बाद में उनकी करिश्माई कप्तानी से। धोनी जब टीम से गए तब दिनेश कार्तिक, ऋद्धिमान साहा और ऋषभ पंत जैसे विकेटकीपर बल्लेबाज़ रेस में थे। यहाँ भी बाज़ी ऋषभ पंत ने मारी। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी ने उन्हें दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज़ों से आगे रखा। आक्रामकता की इस चमक में दिनेश कार्तिक कहीं पिछड़ गए। वरना वो
- बेहतरीन विकेटकीपर हैं।
- तकनीकी तौर पर बहुत ‘सॉलिड’ बल्लेबाज़ हैं।
- बेहतरीन फ़िनिशर हैं।
- मंगलवार को जो उन्होंने किया वो लंबे समय से कर रहे हैं।
आपको याद दिला देते हैं, चार साल पहले निदहास ट्राफ़ी के फ़ाइनल में उन्होंने 8 गेंद पर 29 रन बनाकर टीम इंडिया को जीत दिलायी थी। इसमें आख़िरी गेंद पर जड़ा छक्का भी शामिल है। कुल मिलाकर क्रिकेट के मैदान से कामेंट्री बाक्स और फिर वहाँ से क्रीज तक दोबारा पहुँचना और रन बनाना ये दर्शाता है कि उम्र मैदान पर कोई मायने नहीं रखती .. टीम को जिताने का जज़्बा और मंज़िल तक पहुँचने की चाहत ने कार्तिक से आईपीएल में बेहतर करवाया और अब बारी टी 20 में देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने की है.