गौतम प्रजापति
पर्थ में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में केएल राहुल के आउट होने के साथ ही डीआरएस पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। पारी की शुरुआत करते हुए राहुल अच्छी लय में दिखे और वह 26 रन बना कर खेल रहे थे लेकिन लंच से ठीक पहले वह मिचेल स्टार्क गेंद पर एलबीडबल्यू हो गए। राहुल ने अंपायर के फैसले को चुनौती भी दी पर अंपायर अपने फैसले पर टिके रहे।
हालांकि अंपायर से शुरू में आउट नहीं दिया था लेकिन स्निको पर स्पाइक दिखने के बाद अंपायर ने अपना फैसला बदल दिया। राहुल को लगा कि बैट उनके पैड से लगा है। अंपायर के आउट देने बाद भी राहुल अंपायर से बात करते रहे लेकिन उनको निराश होकर पविलियन वापस जाना पड़ा जिसके बाद राहुल के इस तरह से आउट होने से डीआरएस पर सवाल उठे।
वहीँ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज़ माइकल हसी ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह निराशाजनक है लेकिन यह फैसला एक चर्चा का विषय भी है। स्निको पर एक स्पाइक था लेकिन क्या वह स्पाइक गेंद बल्ले से लगने से आ रही थी या बल्ला पैड से टकराने पर आ रही थी? हसी के साथ टॉम मूडी ने भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनके पास आउट करने के अलावा कोई और विकल्प था पर यहां अंपायर को थोड़ा और वक़्त लेना चाहिए था।
अकसर चर्चा में रहने वाले संजय मांजरेकर ने भी कहा कि उनका मानना है कि यह एक खराब फैसला था और ऐसा ही कुछ न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भी देखने को मिला था। जब ऋषभ पंत को भी इसी तरीके से एलबीडबल्यू आउट दिया गया था और उस वक़्त भी डीआरएस को लेकर काफी चर्चा हुई। साथ ही भारत के पूर्व बल्लेबाज़ मुरली विजय ने भी इसे निराशाजनक बताया।
पूर्व अंपायर ने भी कही बड़ी बात
जहां इस मुद्दे पर सवाल उठे वही पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने कहा कि उन्होंने देखा कि उस साइड ऑन शॉट में आरटीएस पर स्पाइक था जबकि बल्ला पैड से दूर था, वहीँ शब्दों में बल्ले का निचला हिस्सा पैड तक नहीं पंहुचा था।