वेस्टइंडीज दौरे पर खेली जाने वाली 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में सरफराज खान को जगह नहीं मिलने पर चयनकर्ताओं को लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय टेस्ट टीम में सरफराज खान को नजरअंदाज करने पर कई दिग्गजों ने नाराजगी जताई है। बता दें कि सरफराज खान ने रणजी ट्रॉफी के पिछले तीन सत्र में कुल 2566 रन बनाए है।उन्होंने अपने करियर में प्रथम श्रेणी के 37 मैचों में लगभग 80 के औसत से रन ठोके हैं। ऐसे में उनकी इतनी शानदार फॉर्म के बावजूद उन्हें टेस्ट टीम में जगह नहीं मिलने के बाद लगातार आलोचना हो रही है। इस बीच बीसीसीआई के एक अधिकारी ने सरफराज खान को टेस्ट टीम में जगह नहीं मिलने के पीछे की वजह का खुलासा किया है। दरअसल, सरफराज खान को टेस्ट टीम से ड्रॉप किए जाने का सबसे बड़ा कारण उनकी फिटनेस है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की नहीं है। इसके अलावा सरफराज खान का रवैया भी उनके करियर के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।अधिकारी ने आगे बातचीत करते हए कहा, ”सरफराज खान को नजरअंदाज करने की सिर्फ एक वजह नहीं है, बल्कि कई कारण है। क्या सेलेक्टर्स बेवकूफ है जो उन्हें ये दिखाई नहीं दे रहा है कि ये खिलाड़ी लगातार सीजन में 900 से ज्यादा रन ठोक रहा है? एक वजह उनकी फिटनेस है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं है।”इसके साथ ही उन्होंने सरफराज खान के एक रवैया को लेकर कहा कि जब सरफराज ने दिल्ली के खिलाफ रणजी मुकाबले में शतकीय पारी खेलने के बाद जश्न मनाते हुए मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा की तरफ उंगली से इशारा किया था तो उनका रवैया किसी को भी पसंद नहीं आया था। हम उम्मीद करते हैं कि वह अपने पिता के साथ मिलकर इस पर सुधार करेंगे।
विंडीज दौरे के लिए घोषित हुई भारतीय टेस्ट टीम में ऋतुराज गायकवाड़ और यशस्वी जायसवाल की नए खिलाड़ियों के तौर पर एंट्री देखने को मिली है। इनके चयन पर कई पूर्व दिग्गजों ने आईपीएल के 16वें सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन एक बड़ी वजह बताया। इसपर बीसीसीआई अधिकारी ने जवाब देते हुए कहा कि जब मयंक अग्रवाल ने टेस्ट टीम में जगह बनाई थी तो एक सत्र में लगभग 1000 रन बनाए थे। उस समय चयनकर्ताओं ने उनका आईपीएल रिकॉर्ड नहीं देखा था। ऐसा ही हमने दूसरे खिलाड़ियों के चयन में भी किया है। सरफराज के मामले में हम ऐसा क्यों करेंगे। प्लेयर्स घरेलू क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद राष्ट्रीय टीम में जगह बनाते हैं।