पिछली डब्ल्यूटीसी साइकिल में फैब-4 में विराट कोहली का प्रदर्शन सबसे
कमज़ोर रहा जबकि मार्नस लैबुशेन और बाबर आज़म ने इस दौरान विराट से कहीं
बेहतर प्रदर्शन किया। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या विराट
फैब-4 में अपनी जगह को बरकरार रख पाएंगे या उनकी जगह लैबुशेन और बाबर
आज़म में से कोई एक हथियाने में सफल हो पाएगा। इस बारे में कोई भी
निष्कर्ष निकालने से पहले हमें वेस्टइंडीज़ दौरे में विराट के प्रदर्शन
का इंतज़ार करना होगा।
विराट ने पिछले फाइनल के बाद से इस फाइनल तक 17 मैचों में केवल 32.13 के
औसत से 932 रन बनाए हैं जिसमें एक सेंचुरी और तीन हाफ सेंचुरी शामिल हैं।
उनको आउट करने के तरीके विदेशी टीमों ने खोज लिए हैं। जो कवर ड्राइव कभी
उनकी ताकत हुआ करता था, वही उनके आउट होने का कारण बनने लगा है। इसकी
बड़ी वजह विराट का बेहद ज़िद्दी होना है जो यह साबित करने में लगे रहते
हैं कि वह पांचवें और छठे स्टम्प पर भी असरदार बल्लेबाज़ी कर सकते हैं
जबकि सच यह है कि वह ऐसी ही गेंदों पर पिछले दो वर्षों में सबसे ज़्यादा
आउट हुए हैं। ऐसे शॉट खेलते हुए उनका फ्रंटफुट कुछ ज़्यादा ही लेग साइड
की ओर जाता है जिससे पैरों में उतना मूवमेंट नहीं हो पाता, जितना कि
स्टीव स्मिथ का होता है और विराट की तुलना में कहीं सीमित शॉट्स होने के
बावजूद स्मिथ हाल में ज़्यादा असरदार साबित हुए हैं।
विराट की तुलना में बाबर आज़म ने 14 मैचों में चार सेंचुरी, दस हाफ
सेंचुरी और 61.08 के औसत से 1527 रन बनाकर शानदार प्रदर्शन किया है। बाबर
का यह औसत जो रूट, स्टीव स्मिथ और विराट कोहली से बेहतर है। उन्होंने
ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, इंग्लैंड और नयूज़ीलैंड के खिलाफ शानदार सेंचुरी
बनाई हैं जिनमें गॉल टेस्ट में आगा सलमान के साथ सेंचुरी लगाकर उन्होंने
अपनी टीम की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। वहीं मार्नस लैबुशेन 19 मैचों
में 1509 रन बनाने में क़ामयाब रहे। इस दौरान उनका औसत 53.89 का रहा
जिसमें पांच सेंचुरी और इतनी ही हाफ सेंचुरी शामिल है।
लैबुशेन के साथ नकारात्मक बात यह है कि पिछली 17 पारियों में वह केवल एक
हाफ सेंचुरी बना चुके हैं और भारत में भी उनका प्रदर्शन काफी हल्का रहा
है। यहां वह 40 के ही औसत से बल्लेबाज़ी कर पाए हैं जो उनकी करियर औसत से
काफी नीचे है। वहीं बाबर का प्रदर्शन पाकिस्तान में शानदार रहा है लेकिन
ऑस्ट्रेलिया में उनका औसत 27.80 का रहा है। न्यूज़ीलैंड में भी उनका औसत
उनके करियर औसत से काफी नीचे है।
बाकी जो रूट, स्टीव स्मिथ और केन विलियम्सन को फैब-4 में जगह बनाए रखने
को लेकर कोई परेशानी नहीं है। जो रूट ने डब्ल्यूटीसी की पिछली साइकिल में
22 मैचों में 53.19 के औसत से 1915 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने नौ
सेंचुरी और छह हाफ सेंचुरी बनाई हैं। वहीं स्टीव स्मिथ ने 20 मैचों में
47.74 के औसत से 1407 रन बनाए हैं जिसमें पांच सेंचुरी और छह हाफ सेंचुरी
शामिल हैं। केन विलियम्सन इस दौरान बहुत कम खेले लेकिन जितना खेले,
चैम्पियन की तरह खेले। उन्होंने सात टेस्टों में 75.2 के शानदार औसत से
752 रन बनाए जिसमें चार सेंचुरी शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान
और श्रीलंका के खिलाफ डबल सेंचुरी बनाई जबकि इंग्लैंड और श्रीलंका के
खिलाफ उन्होंने एक-एक सेंचुरी भी लगाई।