नमन गर्ग
बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर आकाशदीप को चुना गया है, जिन्होने पिछले दिनों इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी।
आकाशदीप ने दलीप ट्रॉफी में इंडिया बी के खिलाफ अपनी शानदार गेंदबाज़ी से एक तरह से तबाही मचा दी। उन्होंने इस मैच में कुल नौ विकेट झटके। उन्होंने अपनी तेजतर्रार गेंदबाजी से सबका दिल जीत लिया। आकाशदीप ने पहली पारी में चार और दूसरी पारी में पंजा खोल दिया। हालांकि इस प्रदर्शन के बावजूद वह दलीप ट्रॉफी में अपनी टीम इंडिया ए को जीत नहीं दिला सके।
आकाशदीप की कहानी आदर्श है कि कैसे वर्षों की मेहनत के बाद आपको एक ड्रीम टेस्ट पदार्पण मिलता है, जहां राहुल द्रविड़ आपको कैप सौंपते हैं और खेल के पहले घंटे में ही आप विपक्षी टीम के शीर्ष क्रम को तहस-नहस कर देते हैं। बिहार के सासाराम से आने वाले आकाशदीप को शुरू में उनके पिता ने क्रिकेट खेलने से मना किया था लेकिन 2010 में वे नौकरी की तलाश में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर चले गए और अपने चाचा से मदद पाकर स्थानीय क्रिकेट एकेडेमी में शामिल हो गए लेकिन कुछ समय बाद उन्हें पारिवारिक समस्या झेलनी पड़ी और उनके पिता और बडे भाई दो महीने के अंदर गुजर गए। इस वजह से उन्हें तीन साल के लिए खेल छोड़ना पड़ा लेकिन इतना संघर्ष करने के बावजूद वह भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड के खिलाफ खेले और बांग्लादेश के खिलाफ भी उनकी टीम में जगह बनी। यह उन बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानी है जो आगे चलकर क्रिकेटर बनना चाहते हैं।
आकाशदीप ने 32 फर्स्ट क्लास मैचों में 116 विकेट चटकाए हैं और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में उन्होंने तीन विकेट हासिल किए, जिसमें बैन डकैट, जैक क्राली और ओलि पोप के रूप में उन्होंने शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों को अपना निशाना बनाया। आकाशदीप तकनीकी तौर पर भी सक्षम गेंदबाज हैं क्योंकि उनकी फ्रंट फुट लैंडिंग है और एक्शन साइड ऑन है। यानी इस एक्शन से वह इंजरी से बचे रहे सकते हैं। उन्हें मोहम्मद शमी की तरह सीम का इस्तेमाल करना ज़्यादा पसंद है। इस सीम पर गेंद को हिट करके वह बल्लेबाज़ों को परेशान करते हैं। अब भारतीय क्रिकेट फैंस यही उम्मीद रखते हैं कि आकाशदीप फर्स्ट क्लास क्रिकेट की तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी अच्छी गेंदबाजी करेंगे।