ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ के पहले दो वनडे मैचों के लिए विराट कोहली और रोहित शर्मा को आराम दिया गया। साथ ही हार्दिक पांड्या और कुलदीप यादव भी इन दो मैचों में नहीं हैं। ज़ाहिर है कि इसके बाद हर तरफ से सवाल उठने ही थे। वर्ल्ड कप बिल्कुल सर पर है। ऐसे में खिलाड़ियों का मौके पर फिट होने को टीम की प्राथमिकता बनाया गया है।
बात सही भी है। वर्कलोड मैनेजमेंट को देखते हुए कुछ प्रमुख खिलाड़ियों को आराम दिया जाना ज़रूरी भी है। फिटनेस के साथ ही खिलाड़ियों को इस समय इंजरी से बचाना भी अहम है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तेज़ गेंदबाज़ों के लिए फिटनेस तो और भी ज़्यादा मायने रखती है। फिर सभी प्रमुख गेंदबाज़ों को टीम में क्यो रखा गया है। मतलब साफ है। जसप्रीत बुमराह लम्बे समय से अनफिट रहे। उन्हें इस दौरान पर्याप्त मैच प्रैक्टिस भी नहीं मिल पाई। इस वक्त ज़्यादा से ज़्यादा मैच खेलकर उनकी गेंदबाज़ी में और पैनापन आएगा। वहीं मोहम्मद सीराज लगातार खेल रहे हैं। सम्भव है कि उनकी जगह मोहम्मद शमी को टीम में शामिल किया जाए। वैसे भी यह टूर्नामेंट 46 दिन चलने वाला है। इतने लम्बे टूर्नामेंट में खिलाड़ियों का फिटनेस बनाए रखना काफी मायने रखेगा।
इस समय दुनिया भर के खिलाड़ियों को देखें तो काफी संख्या में खिलाड़ी फिटनेस की फांस की गिरफ्त में आ चुके हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हैड का हाथ टूट गया। न्यूजीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ टिम साउदी का इंग्लैंड दौरे पर अंगूठा टूट गया है। टीम इंडिया के बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल भी एशिया कप के दौरान इंजर्ड हो गए। चोटिल खिलाड़ियों की सूची लंबी होती जा रही है। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज नसीम शाह और हारिस रऊफ, इंग्लैंड के मार्क वुड और आदिल राशिद भी चोटिल खिलाड़ियों की सूची में शामिल हैं। बांग्लादेश और श्रीलंका के भी कई बड़े नाम इंजरी से जूझ रहे हैं।
जैसा कि राहुल द्रविड़ ने कहा भी है कि विराट और रोहित अनुभवी खिलाड़ी हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आठ अक्टूबर को चेन्नै में होने वाले मैच में इन दोनों खिलाड़ियो का फ्रेश होकर उतरना बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि विराट 35 साल के हैं जबकि रोहित 36 के। इनमें से एक भी खिलाड़ी के चोटिल होने की स्थिति में टीम इंडिया के विश्व कप अभियान को बड़ा झटका पहुंच सकता है।
वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम अपने लीग मैच नौ अलग-अलग शहरों में खेलेगी। इसके लिए टीम को 34 दिन में 8361 किलोमीटर यात्रा करनी होगा। अगर टीम फाइनल में पहुंची तो 9700 किलोमीटर की यात्रा करनी होगी। इसके लिए खिलाड़ियों की फिटनेस काफी अहम है। वर्ल्ड कप से पहले टीम दो प्रैक्टिस मैच भी खेलने हैं।