गोपाल शर्मा
दिल्ली टीम की रणजी ट्रॉफी 2024 के पहले ही मैच में उलटफेर का शिकार हुई।
रणजी इतिहास की तीसरी सबसे कामयाब टीम दिल्ली को पुडुचेरी की टीम ने उसे
नौ विकेट से करारी शिकस्त दी। यश ढुल की कप्तानी में उतरी दिल्ली की टीम
में इशांत शर्मा, नवदीप सैनी, आयुष बदौनी जैसे खिलाड़ी शामिल थे।
पुड़्डूचेरी की इस जीत ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि रणजी ट्रॉफी
2024 का यह सीजन किस कदर उटलफेर भरा हो सकता है।
दिल्ली की टीम सात बार रणजी ट्रॉफी जीती है और आठ बार फाइनल तक पहुंची
है। टीम को यह ट्रॉफी जीते हुए 15 साल हो चुके हैं। इतने वर्षों में यह
टीम केवल एक बार 2017-18 में फाइनल में पहुंच पाई थी तब ऋषभ पंत टीम के
कप्तान थे और यह टीम विदर्भ के हाथों नौ विकेट से पराजित हुई थी। दिल्ली
की हालत देखिए। 1991-92 सीज़न में तमिलनाडु को हराकर खिताब जीतने वाली इस
टीम को इससे अगली बार चैम्पियन बनने में 16 साल लग गए।
विजय हज़ारे ट्रॉफी में भी टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। टीम आखिरी बार
2012-13 में चैम्पियन बनी थी। 2015-16 और 2018-19 में फाइनल तक उसने
चुनौती रखी। गेंदबाज़ी इस टीम की अब भी शानदार है लेकिन बल्लेबाजी में टीम
में अनुभव की कमी है। दिल्ली की टीम का रुख अपने सीनियर खिलाड़ियों के
प्रति अजीबोगरीब बताया जा रहा है। शायद इसीलिए पिछले सीजन में दिल्ली के
पूर्व कप्तान नीतीश राणा और पिछले सीजन में रणजी ट्रॉफी में टीम के लिए
सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ध्रुव शौरी ने उससे पहले दिल्ली टीम को छोड़
दिया। इन दोनों बड़े खिलाड़ियों ने एनओसी की मांग की थी ताकि वे दूसरी टीम
से खेल सकें।
मैच की बात करें तो पुड्डूचेरी ने दिल्ली की पहली पारी के स्कोर 145 रन
के जवाब में 244 रन बनाए। इस तरह उसे पहली पारी में 96 रन की बढ़त मिली
थी। इसके बाद जब दिल्ली की टीम महज 145 रन पर सिमटी तो पुड्डूचेरी का काम
और आसान हो गया। उसे जीत के लिए महज 50 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने सिर्फ
एक विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस मैच में खेल रहे सबसे अनुभवी गेंदबाज
इशांत शर्मा सिर्फ एक विकेट ले सके। पुड्डूचेरी के लिए गौरव यादव ने पहली
पारी में सात और दूसरी पारी में तीन विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच रहे।