आशीष मिश्रा
रांची टेस्ट में शुभमन गिल ने लाजवाब प्रदर्शन किया। उन्होंने दूसरी पारी में न सिर्फ अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की बल्कि ध्रुव जुरेल के साथ भारत को 192 के स्कोर तक पहुंचाकर जीत भी दिलाई।
शुभमन गिल इस सीरीज से पहले सवालों में घिरे हुए थे। उनके लगातार फ्लॉप प्रदर्शन के कारण उन पर सवाल उठाए जा रहे थे। बात यहां तक पहुंच चुकी थी कि उन्हें टीम से बाहर करने की बात चलने लगी लेकिन इस सीरीज ने उनके करियर में संजीवनी का काम किया है। पहले उन्होंने दूसरे टेस्ट मैच में सेंचुरी लगाकर टीम में अपनी जगह पक्की की और अब रांची टेस्ट में हाफ सेंचुरी लगाकर टीम का सीरीज पर कब्जा भी करवा दिया।
शुभमन गिल ने इस सीरीज की पहली पारी में असफल होने के बाद दूसरी पारी में कमाल की बल्लेबाजी की। वह पहली पारी में पिछले पांच मौकों पर 23, 34, 0 और 38 का स्कोर ही बना पाए हैं। वहीं दूसरी पारी में गिल ने 0, 104, 91, 52* रन बनाए हैं। गिल ने राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में 91 रन बनाए थे। वहीं रांची टेस्ट की दूसरी पारी में भी गिल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और नाबाद 52 रन बनाए जिसमें दो छक्के भी शामिल हैं।
विशाखापट्टनम में हुए दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में उनका सेंचुरी बनाना और फिर उसके बाद राजकोट टेस्ट में शानदार 91 रन की पारी खेलना शानदार रहा। यह देखकर तो यही लगता है कि शुभमन पहली पारी से ज्यादा अच्छा दूसरी पारी में खेलते हैं। उनकी इस काबिलियत में अचंभे की बात यह है कि चौथी पारी में बल्लेबाजी करना मुश्किल होता है क्योंकि चौथी पारी में विकेट भी टूट जाता है और टीम पर भी ज्यादा दबाव होता है। दूसरी पारी में गिल का कमाल का प्रदर्शन बताता है कि वह कितने कमाल के बल्लेबाज है और उनमें दबाव झेलने की कितनी क्षमता है।
जब शुभमन गिल बल्लेबाजी करने आए उसके कुछ समय बाद ही 120 रन पर भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी, लेकिन उन्होंने वहां से विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल के साथ 72 रन की नाबाद साझेदारी करके भारत को रांची टेस्ट में शानदार जीत दिलाई जिसके दम पर अब टीम इंडिया ने पांच टेस्ट मैच की सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली है।