दूसरे टेस्ट में पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों की तकनीकी कमज़ोरियां आईं सामने

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पाकिस्तान के गेंदबाज़ों ने जहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट में अपनी टीम को वापसी दिलाई तो वहीं उसके बल्लेबाज़ों ने अच्छी शुरुआत के बावजूद टीम की मुश्किलें बढ़ा दीं। यह स्थिति तब है जबकि अब्दुल्ला शफीक और कप्तान शान मसूद ने दूसरे विकेट के लिए 90 रन की भागीदारी करके टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई थी।

पाकिस्तान की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उसके बल्लेबाज़ लगता है कि बैकफुट पर खेलना भूल गए हैं। ज़्यादातर बल्लेबाज़ फ्रंटफुट पर आउट हुए। बाबर आज़म और इमाम उल हक तो फॉरवर्ड डिफेंसिव शॉट खेलने गए थे मगर पैट कमिंस की देरी से मूव होती गेंद पर दोनों गच्चा खा गए। आगा सलमान को शरीर से दूर खेलना महंगा साबित हुआ जबकि अब्दुल्ला शफीक को फुलर गेंद पर सामने खिलाने की कमिंस की रणनीति कारगर रही। इसी तरह साउद शकील हैज़लवुड की निपबेकर पर आउट हुए। उनका बल्ला देरी से आया। कप्तान शान मसूद ने क्रॉस बैट से अपना विकेट गंवाया।

अब्दुल्ला शफीक ने दिखाया कि अगर दूसरे छोर पर उनके सामने कोई तेज़ खेलने वाला बल्लेबाज़ है तो वह भी उसी तरह खेल सकते हैं और जब इमाम उल हक़ के रूप में कोई उनके सामने धीमे खेलने वाला बल्लेबाज़ होता है तो वह भी काफी धीमा खेलने लगते हैं। वह अपनी हाफ सेंचुरी के दौरान ज़्यादा स्क्वेयर खेले और मिचेल स्टार्क पर उनका एक कवर ड्राइव देखने लायक था। वहीं शान मसूद ने ज़्यादा ताक़त वाले शॉट्स खेले और खासकर नाथन लॉयन को उन्होंने निशाना बनाया। उन पर उन्होंने डाउन द ग्राउंड शॉट्स खेले और उनके सिर के ऊपर से भी उन्होंने एक शानदार छक्का लगाया।

ऑस्ट्रेलिया को नाथन लॉयन को खिलाना जहां उपयोगी रहा, वहीं पाकिस्तान को आगा सलमान पर ही भरोसा रखना पड़ा क्योंकि साजिद खान विक्टोरिया के खिलाफ मैच में बेअसरदार साबित हुए तो वहीं मोहम्मद नवाज़ को खिलाने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि वर्ल्ड कप में भी घुमावदार पिचों पर भी वह गेंद को स्पिन नहीं करा पाए।

वहीं पाकिस्तान की इस बात के लिए तारीफ करनी होगी कि उसके गेंदबाज़ों ने दूसरे दिन काफी प्रभावित किया। पहले सत्र में ही उसके गेंदबाज़ सात ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को आउट करने में सफल रहे। गौर करने वाली बात यह है कि आमेर जमाल को छोड़कर कोई भी गेंदबाज़ तेज़ गति से गेंदबाज़ी नहीं कर सका। 125 से 135 की गति से ही पाकिस्तान के गेंदबाज़ों को विकेट मिले। गेंदबाज़ों ने लेंग्थ बॉल को तरजीह दी। नाथन लॉयन को छोड़कर करीब-करीब सभी बल्लेबाज़ लेंग्थ बॉल पर ही आउट हुए। आफरीदी ने तो बाहर की ओर सीम मूवमेंट का भी अच्छा परिचय दिया। मीर हम्जा ने एंगल का अच्छा परिचय दिया। हसन अली ने लेंग्थ में बदलाव किए। और आमेर जमाल ने गति और एंगल दोनों का परिचय देते हुए स्लिप फील्डर्स का भरपूर फायदा उठाया।

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