2015 वर्ल्ड कप की दो फाइनलिस्ट टीमें – दो पड़ोसी देश न्यूजीलैंड और
ऑस्ट्रेलिया – वर्ल्ड कप में भिड़ने को तैयार हैं जहां दोनों टीमें
जबरदस्त फॉर्म में है। न्यूज़ीलैंड अभी अंक तालिका में अभी तीसरे नंबर पर
है जिसमें उनके बल्लेबाजों का महत्वपूर्ण योगदान है। अभी तक न्यूज़ीलैंड
ने पांच मैच खेले है जिसमे चार में जीत और एक में हार का सामना करना पड़ा
है।
न्यूज़ीलैंड के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज इस वर्ल्ड कप में सबसे मजबूती से
सामने आए हैं, जिसमे डेवॉन कॉन्वे, रचिन रवींद्र और विल यंग शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के सामने बड़ी चुनौती न्यूज़ीलैंड के टॉप ऑर्डर
के बल्लेबाजों को रोकने की होगी। कॉन्वे शानदार फॉर्म में हैं जिन्होने
पांच मैचों में 62.25 के औसत और 100 से ऊपर के स्ट्राइक रेट के साथ 249
रन बनाए हैं। इनके पास आईपीएल खेलने का अनुभव भी है और उन्होंने इसका खूब
फायदा उठाया है। वहीं रचिन इस वर्ल्ड कप में अपनी टीम के लिए सबसे बड़े
ट्रम्प कार्ड हैं। न्यूज़ीलैंड के लिए वर्ल्ड कप से पहले उन्हे गेंदबाज
के रूप में जाना जाता था पर इस वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में इंग्लैंड के
खिलाफ सेंचुरी जड़कर उन्होंने सभी को चौका दिया। रचिन ने इस वर्ल्ड कप में
पांच मैचों में 72 के औसत और 100 के ऊपर स्ट्राइक रेट के साथ 290 रन बनाए
हैं। न्यूज़ीलैंड के टॉप ऑर्डर में इनका योगदान महत्वपूर्ण है। वही विल
यंग की शुरुआत इस वर्ल्ड कप में ज़ीरो से हुई पर उसके बाद इन्होंने अगले
दोनों मैचों में हाफ सेंचुरी लगाई।
इस बल्लेबाजी क्रम को किस प्रकार ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज रोक पाएंगे, ये
कहना बड़ा मुश्किल है। ऑस्ट्रेलिया के पास मिचेल स्टार्क, जोश हैजलवूड,
पैट कमिंस जैसे गेंदबाज है जो न्यूज़ीलैंड के टॉप ऑर्डर को रोकने का
प्रयास करेंगे। डेवॉन कॉन्वे जो ऊपर की गेंदों पर ज्यादा आउट हुए है तो
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजो को ज्यादा ऊपर गेंद करना होगा। रचिन रवींद्र
भी नीदरलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ विकेट के पीछे आउट हुए थे। वही
अफगानिस्तान के उमरजई के खिलाफ वह बोल्ड हुए। इन्हे जल्दी ही आउट करना
होगा, नहीं तो वह लंबी पारी खेल सकते है। विल यंग को अंदर आती गेंदें
परेशान करती हैं। इन्हे मिचेल स्टार्क शुरू में परेशान कर सकते हैं।