आर्यन कपूर
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत पहली बार
घर पर क्लीन स्वीप हो गया है। इस हार के सिलसिले में भारतीय बल्लेबाजी का
निराशाजनक प्रदर्शन एक बड़ा कारण रहा। रोहित और कोहली का बल्ला पूरी
सीरीज में खामोश रहा जिसकी वजह से भारत की बल्लेबाजी इतना संघर्ष करती
हुई दिखाई दी।
टेस्ट क्रिकेट में भारत की सबसे करारी हार
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेली गई तीन टेस्ट मैचों की सीरीज भारतीय टीम
के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिहाज से काफी
अहम थी। यह पहली बार है जब भारत को घर पर इतनी करारी शिकस्त मिली हो।
भारत ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में घर पर 65 सीरीज खेली हैं, जिसमें से
37 जीती हैं लेकिन यह पहली बार था जब किसी टीम ने भारत को घर पर तीन
मैचों की सीरीज़ में क्लीन स्वीप किया हो। इस हार का सबसे बड़ा कारण भारत
की खराब बल्लेबाजी थी जहां गुच्छों में विकेट खोना भारत को भारी पड़ा।
यहां से भारत की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जाने की राह और
मुश्किल हो गई है।
एजाज़ पटेल की फिरकी में फंसा भारत
बेंगलुरु टेस्ट से लेकर मुंबई टेस्ट तक न्यूज़ीलैंड के हर मैच में एक नया
हीरो उभर कर सामने आया। पहले मैच में जहां कीवियों की तेज गेंदबाजी ने
भारत को बैकफुट पर धकेलने का काम किया था दूसरे और तीसरे टेस्ट में लेफ्ट
आर्म स्पिनरों मिचेल सैंटनर और अजाज़ पटेल भारत पर भारी पड़े। तीसरे
टेस्ट में अजाज़ पटेल दोनों पारियों में फाइफर लिया। पहली पारी में 28
रनों की लीड लेने के बाद भी भारत 25 रन से तीसरा टेस्ट मैच हार गया।
नंबर-9 तक बल्लेबाजी खिलाने के बाद भी भारत दूसरी पारी में 147 रनों का
लक्ष्य हासिल नहीं कर सका। हालांकि वानखेड़े के मैदान पर चौथी पारी में
चेज करना एक बड़ी चुनौती होती है लेकिन 147 रन तक भी ना पहुंच पाना आने
वाली बॉर्डर-गावस्कर से पहले खतरे की घंटी है।