अभी तक भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ही एशिया कप का खिताब जीतीं हैं।
बांग्लादेश और अफगानिस्तान की टीमों से उलटफेर से ज़्यादा की उम्मीद नहीं
की जाती। भारत की समस्या टीम संतुलन बिठाने की है जबकि पाकिस्तान का
मध्यक्रम लगातार निराश कर रहा है। यहां हम इन दोनों टीमों के प्लस और
नेगेटिव पॉइंट्स पर बात करेंगे।
टीम इंडिया :
प्लस पॉइंट्स
1. राहुल, श्रेयस और बुमराह का फिट होना।
2. रवींद्र जडेजा, हार्दिक पांड्या और शार्दुल ठाकुर के रूप में
टीम में तीन ऑलराउंडर होना।
3. पिछले वर्ल्ड कप के बाद से अब तक टीम इंडिया का 57 वनडे में 34
जीत दर्ज करना।
4. मजबूत बल्लेबाज़ी क्रम। नम्बर आठ पर शार्दुल या अक्षर में से एक
को मिलेगा मौका। विराट का पिछले वर्ल्ड कप से अब तक सबसे ज़्यादा 1612 रन
बनाना और गिल का इस साल का 68 का औसत।
5. कुलदीप यादव का बतौर स्पिनर इस साल सबसे ज़्यादा 33 विकेट चटकाना।
नेगेटिव पॉइंट्स
1. केएल राहुल का एशिया कप में पाकिस्तान और नेपाल के खिलाफ पहले
दो मैचों में उपलब्ध न होना
2. बुमराह का दस ओवर गेंदबाज़ी करना चैलेंजिंग। अगर उन्हें तीन
स्पेल गेंदबाज़ी करनी पड़ी तो क्या वह उस समय पहले स्पेल की तरह
गेंदबाज़ी कर पाएंगे।
3. पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और अफगानिस्तान की टीमों में
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हैं जो भारत के शीर्ष क्रम के लिए बड़ी चुनौती
होंगे। पिछले छह साल में यह भारत की बड़ी समस्या रही है।
4. गेंदबाज़ों को बल्लेबाज़ी नहीं आती और बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी नहीं आती।
5. आठवें क्रम तक बल्लेबाज़ी रखने के लिए शार्दुल अथवा अक्षर को
खिलाना मजबूरी क्योंकि तीनों तेज़ गेंदबाज़ और कुलदीप यादव बल्लेबाज़ी
में अलहड़ माने जाते हैं
पाकिस्तान:
प्लस पॉइंट्स
1. पाकिस्तान टीम का आईसीसी रैंकिंग में टॉप पर होने से मनोबल बढ़ेगा।
2. 2019 वर्ल्ड कप के बाद 31 वनडे में से पाकिस्तान ने 22 मैच
जीते। बाबर, फख्र और इमाम ने इस दौरान 16 सेंचुरी बनाईं। तीनों आईसीसी
रैंकिंग में टॉप पांच में। विराट टॉप पर।
3. आफरीदी, नसीम और हारिस राउफ 145 प्लस की रफ्तार के गेंदबाज़।
राउफ तो एक ओवर में तीन-तीन गेंदें 150 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से
फेंकते रहे हैं।
4. लोअर ऑर्डर भी मैच जिताने लगा है। नसीम ने अफगानिस्तान के खिलाफ
आखिरी ओवर में दो चौके लगाकर मैच जिताया। टी-20 के एशिया कप में भी
उन्होंने यही कमाल किया था।
5. टीम में तीन ऑलराउंडर – शादाब, नवाज़ और फहीम अशरफ।
नेगेटिव पॉइंट्स
1. फील्डिंग में सुधार ज़रूर हुआ है लेकिन यह वर्ल्ड क्लास
फील्डिंग के स्तर से काफी नीचे है।
2. पिछले वर्ल्ड कप के बाद से सिर्फ 31 मैच खेलने को मिले और बड़ी
टीमों के खिलाफ खेलने का उतना मौका नहीं मिला।
3. मध्यक्रम पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी। अफगानिस्तान के
खिलाफ हालिया सीरीज़ में दूसरे वनडे में 27 रन में चार विकेट खोए और
तीसरे वनडे में 41 रन में पांच विकेट खोए।
4. स्पिनर उपयोगी खिलाड़ी बनकर रह गए हैं। स्पिनरों की विकेट
चटकाने की क्षमता में काफी कमी आई है।
5. नम्बर चार बना समस्या। रिज़वान या साउद शकील में से कोई एक इस
स्थान पर जगह पक्की करेगा। रिज़वान की पिछली पारी छोड़ दें तो उससे पिछली
पांच पारियां उनकी खराब रही हैं।