दिसम्बर से अब तक विराट कोहली अंतरराष्ट्रीय मैचों में छह सेंचुरी बना
चुके हैं। तीन वनडे में, दो टेस्ट में और एक टी-20 में। जब वनडे में रनों
का पीछा करने का मामला आता है तो उनका औसत 66 रन प्रति पारी तक पहुंच
जाता है। ये सब आंकड़े पाकिस्तान टीम को डराने के लिए काफी हैं।
पिछले साल मेलबर्न में टी-20 वर्ल्ड कप में उनकी पारी को भला कौन भूल
सकता है जब उन्होंने हारी बाज़ी को पलट दिया था। तब वह बड़े बाज़ीगर
साबित हुए थे। तब टीम इंडिया को आठ गेंद पर 28 रन की दरकार थी। विराट ने
हारिस राउफ पर 19वें ओवर की आखिरी दो गेंदों पर छक्के लगाकर काम को आसान
कर दिया और फिर मोहम्मद नवाज़ पर छक्का लगाकर हारा हुआ मैच जीत लिया। उस
पारी में उनके अंदर छिपे एक और विराट कोहली दिखाई दिए। उन्हें इससे पहले
पारी को संवारने वाला और स्ट्राइक रोटेट करने वाला ऐसा बल्लेबाज़ माना
जाता था, जो बीच-बीच में बड़े शॉट खेल सकता था। मगर इस मैच के बाद
उन्होंने उनके बारे में सबकी धारणा को बदलने का काम किया।
विराट कभी तो 2011 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में मिस्बाह का लांग ऑन पर कैच
लपककर सचिन की मेहनत को अंजाम तक पहुंचा देते हैं तो कभी 2015 के वर्ल्ड
कप में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार सेंचुरी जड़ देते हैं। इसी तरह 2019 के
वर्ल्ड कप में उनकी 77 रन की पारी जीत में अहम रोल निभाती है। मीरपुर में
2012 में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी 183 रनों की पारी को भला कौन भूल सकता
है जब सचिन और रोहित से मिले साथ का उन्होंने भरपूर फायदा उठाकर
पाकिस्तान को हाशिये पर धकेल दिया था।
पाकिस्तान के खिलाफ विराट ने 13 मैचों में 48.73 के औसत से 536 रन बनाए
हैं जिसमें दो सेंचुरी और इतनी ही हाफ सेंचुरी शामिल हैं। पाकिस्तान के
खिलाफ उनकी लगातार अच्छी पारियों का ही नतीजा है कि पाकिस्तानी
खिलाड़ियों में विराट के लिए बड़ा सम्मान है। शोएब अख्तर जहां उन्हें
पिछले दस वर्षों का बेस्ट क्रिकेटर मानते हैं तो वहीं सकलैन मुश्ताक कहते
हैं कि विराट एक ऐसे चांद की तरह हैं, जिस पर कुछ समय के लिए ग्रहण लगा
था लेकिन अब वह फिर से पहले की तरह चमकने लगे हैं। जिन मोहम्मद आमिर ने
उन्हें 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफी में आउट किया था, वह विराट की तुलना
किसी से नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि बाबर सहित विश्व में किसी भी
बल्लेबाज़ से उनकी तुलना करना ठीक नहीं होगा क्योंकि विराट सबसे आगे हैं।
वह ओवरऑल एक सम्पूर्ण क्रिकेटर के तौर पर विराट को बाबर आज़म से बेहतर
आंकते हैं।
बाबर आज़म का कहना है कि विराट की एक राय उनके बहुत काम आई। उन्होंने
उनसे कहा था कि नेट्स में खेलने के समय ये सोचो कि आप किसी मैच में खेल
रहे हो। इस बात को वह अमल में लाए और उनको इसका बहुत फायदा हुआ। शाहीन
शाह आफरीदी का कहना है कि जब वह नेट्स पर बाबर को गेंदबाज़ी करते हैं तो
वह यह सोचकर उन्हें गेंदबाज़ी करते हैं कि जैसे उनके सामने विराट कोहली
हों।
ज़ाहिर है कि विराट का पाकिस्तानी खिलाड़ियों में ज़बर्दस्त खौफ है। जिस
तरह 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में हार के बाद वह जिस तरह रिजवान और बाबर
से गले मिले थे, उससे उन्होंने पूरे पाकिस्तानी अवाम का दिल जीत लिया था।