आर्यन कपूर
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच पुणे के MCA स्टेडियम में खेला जाना है लेकिन, इससे पहले यह खबरें सामने आ रही हैं कि पुणे टेस्ट में पिच पर स्पिनर्स को अच्छी खासी मदद मिलने वाली है। काली मिट्टी की पिच स्वाभाविक तौर पर थोड़ी धीमी और स्पिनर फ्रेंडली मानी जाती है लेकिन, अगर ऐसा होता है, तो यह भारतीय बल्लेबाजों के लिए भी चिंता का सबब बन सकता है।
विदेशी स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों पर पड़े हैं भारी
भारत और न्यूज़ीलैंड सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच काफी निर्णायक साबित होने वाला है। एक तरफ न्यूज़ीलैंड 1-0 की बढ़त के साथ मैदान पर उतरेगी, तो दूसरी ओर भारतीय टीम कमबैक करने के इरादे से उतरेगी लेकिन यह काम बिल्कुल आसान नहीं होने वाला। न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज पहले टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों पर भारी पड़े थे। पर बड़ा सवाल भारतीय टीम के बल्लेबाजों को लेकर है क्योंकि घरेलू मैदानों पर विदेशी स्पिन गेंदबाजों ने विराट कोहली, रोहित शर्मा समेत अन्य खिलाड़ियों के लिए परेशानियां खड़ी की हैं।
स्पिन फ्रेंडली पिचों पर खेलने का कारण बिलकुल स्पष्ट है। भारत के पास अच्छी क्वालिटी के स्पिनर होने के कारण भारत टर्निंग ट्रैक्स की तरफ जाता है लेकिन भारत ने पिछले कई टेस्ट मैचों में विदेशी स्पिनर्स के सामने स्ट्रगल किया है। खासकर अनुभवी बल्लेबाजों ने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ अपने विकेट गवाये हैं।
इन स्पिनर्स ने भारत को किया है तंग
2016-17 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से भारतीय बल्लेबाजी का स्पिन गेंदबाजों के सामने कई विदेशी स्पिनरों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस कड़ी में सबसे पहला नाम स्टीव ओ’कीफ का है। उन्होंने 2016-17 में खेली गई टेस्ट सीरीज में 4 मैचों में 19 विकेट झटके थे। इसके अलावा मोईन अली, जो रूट और शोएब बशीर भी भारत को घरेलू मैदानों में परेशान कर चुके हैं।
भारत और न्यूज़ीलैंड की पिछली सीरीज में भी एजाज़ पटेल ने एक ही इनिंग में 10 विकेट झटके थे। केवल यहीं नहीं, भारत में आखिरी बार खेली गई बॉर्डर-गावस्कर में मैट कुहनेमन ने भी भारतीय बल्लेबाजों की परेशानी बढ़ाने का काम किया था।
ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि भारत पुणे के टर्निंग ट्रैक पर किस तरह का प्रदर्शन करता है। हालांकि, पिछले टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड के तेज गेंदबाजों ने भारत का सिरदर्द बढ़ाया था और 17 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी क्रम को बैकफुट पार ला दिया था।