हिमांक द्विवेदी
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर बीसीसीआई के नियमों पर कमेंट करने के बाद सुर्खियों में रहे। उन्होंने कहा कि ये एक भारी सवाल है। दरअसल उनसे भारतीय क्रिकेट टीम के लिए दस विशेष नियमों के बारे में पूछा गया था जिसमें खासकर खिलाड़ियों के परिवार पर लगी रोक पर सवाल चर्चा का विषय बना।
आपको याद होगा कि पिछले दिनों बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के परिवार के लिए एक नियम बनाया था जिसमें 45 दिन या उससे ज़्यादा लंबे दौरे में परिवार को 14 दिनों तक साथ रखने का प्रावधान था। साथ ही इससे कम अवधि के दौरों में सात दिन तक परिवार के साथ रहने का प्रावधान रखा गया था। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान जोश बटलर ने दावा किया कि खिलाड़ियों के साथ परिवार के रहने से क्रिकेट पर कोई असर नहीं पड़ता।
उन्होंने कहा कि हम मॉडर्न युग में रह रहे हैं और दौरों पर परिवार का साथ रहना बहुत अच्छा है। आजकल इतना क्रिकेट खेला जा रहा है और खिलाड़ी घर से बाहर काफी समय बिताते हैं। कोरोना के बाद इस पर काफी चर्चा भी हुई है और उन्हें नहीं लगता कि परिवार के साथ रहने से खेल पर कोई फर्क पड़ता है। बटलर ने कहा कि परिवार की मौजूदगी से खेल में कोई परेशानी नहीं होती। उन्होंने कहा कि घर से दूर रहने का बोझ परिवार के साथ रहकर हल्का किया जा सकता है और यह काफी महत्वपूर्ण है।

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस नियम को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अलग तरह से रिएक्ट किया था। उस समय रोहित शर्मा अजित आगरकर के कान में कह रहे थे कि मुझे बोर्ड सचिव के साथ अब ज़्यादा समय गुजारना पड़ेगा। ऐसा समझा जाता है कि रोहित ने यह बात सोच समझकर बोली थी क्योंकि वह जानते थे कि माइक ऑन है जबकि उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि उन्हें माइक के ऑन होने की जानकारी नहीं थी।
बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए लंबे विदेशी दौरों पर परिवार के साथ समय बिताने पर नई गाइडलाइन्स लागू की हैं। लगातार दो टेस्ट सीरीज में हार के बाद बोर्ड ने महसूस किया कि परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने से खिलाड़ियों का ध्यान खेल से हट रहा है। बीसीसीआई का मानना है कि बड़े टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहना जरूरी है। हालांकि इस पर राय बंटी हुई है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि परिवार के साथ समय बिताने से खिलाड़ी मानसिक रूप से मजबूत होते हैं।