वैभव मुद्गल
आईसीसी की आंतरिक सुरक्षा टीम बांग्लादेश में फैली अराजकता पर नजर बनाए हुए है क्योंकि इस देश में अक्टूबर में महिला टी20 विश्व कप का आयोजन होना है। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार बांग्लादेश को तीन से 20 अक्टूबर तक महिला टी20 विश्व कप की मेजबानी करनी है। आईसीसी बोर्ड के सदस्य अभी इसे लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। बांग्लादेश में फैली हिंसा के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश से भागना पड़ा। सेना प्रमुख जनरल वकार- उज-जमा ने सोमवार को ढाका में हसीना सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच कहा कि बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार सत्ता संभालेंगी। देश में फैली हिंसा में पिछले दो दिनों में सौ से अधिक लोगों की जान चली गई। आईसीसी मुद्दे पर अभी इंतजार करने की नीति अपना रहा है।
आसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि आईसीसी के पास अपने सभी सदस्य देशों में एक स्वतंत्र सुरक्षा निगरानी का सिस्टम है। स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने में सात सप्ताह बाकी हैं। ऐसे में इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी कि टूर्नामेंट को बांग्लादेश से स्थानांतरित किया जाएगा या नहीं। बांग्लादेश में विवादास्पद आरक्षण सिस्टम को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। इसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़को के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। आईसीसी सूत्र ने कहा कि मार्च 2022 में श्रीलंका में अशांति की ऐसी ही स्थिति थी जब प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार और महंगाई का हवाला देते हुए पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया था।
इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने जून में बाईलेटरल सीरीज के लिए वहां की यात्रा की थी। बांग्लादेश में विश्व कप ढाका और सिलहट में आयोजित होने वाला है। भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अगली सूचना तक भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है। बीसीसीआई इस तरह की स्थितियों में हमेशा सरकार की सलाह मानता है। आईसीसी के पास अपरिहार्य स्थितियों के लिए आकस्मिक योजनाएं हैं और इस मामले में श्रीलंका या भारत एक विकल्प हो सकता है। श्रीलंका ने 2012 का पुरुष टी20 विश्व कप सितम्बर और अक्टूबर के बीच वहां आयोजित किया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एसईएनए देश (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) अपनी महिला टीमों को ऐसे देश में भेजते हैं जहां सुरक्षा स्थिति कमजोर रह सकती है।