आशीष मिश्रा
क्या बाबर आजम दोबारा पाकिस्तान के कप्तान बन सकते हैं? यह सवाल इन दिनों खूब चर्चा में है और इसका सबसे बड़ा कारण है पाकिस्तान का हालिया प्रदर्शन। जब से बाबर ने पाकिस्तान की कप्तानी छोड़ी है, टीम का प्रदर्शन
बेहद खराब रहा है। पहले ऑस्ट्रेलिया में व्हाइटवाश हो या इन दिनों न्यूजीलैंड के खिलाफ चल रही सीरीज, टीम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
विश्व कप में पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन के बाद बाबर आजम की जमकर आलोचना की गई जिसके बाद उन्हें तीनों फॉर्मेट की कप्तानी से हटा दिया गया। टेस्ट में शान मसूद को कप्तान बनाया गया, वहीं वनडे और टी 20 की कमान शाहीन शाह आफरीदी को दी गई। बाबर ने अभी तक कुल 71 मैच में टीम की कमान संभाली है जिसमें पाकिस्तान
ने 42 मैच जीते हैं और 23 मैच में हार का सामना करना पड़ा है। अगर तीनों फॉर्मेट को जोड़कर देखें तो बाबर की कप्तानी में 138 मैचों में 78 मैच में पाकिस्तान ने जीत हासिल की है वहीं टीम को 43 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है।
पहली बार शान मसूद के नेतृत्व में टीम का सामना हुआ ऑस्ट्रेलिया से जहां पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और 3-0 से सीरीज गंवानी पड़ी और अब शाहीन शाह आफरीदी के नेतृत्व में न्यूजीलैंड में टी20 सीरीज़ भी हार गई है जबकि सीरीज़ में अभी भी दो मैच बाकी हैं। टीम घर से बाहर लगातार छह मैच हारी है, जो बहुत खराब प्रदर्शन है।
तीनों टी 20 में शर्मनाक खेल
अभी तक हुए तीन मैच में शाहीन आफरीदी ने लगातार टॉस जीता और फील्डिंग करने का फैसला किया। उनके इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है इसकी वजह रही है पाकिस्तान की गेंदबाजी। शाहीन शाह आफरीदी और हारिस रउफ जैसे बड़े गेंदबाज होने के बावजूद तीनों मैचों में गेंदबाजी लचर नजर आई है। मेजबानों ने तीनों मैचों में लगभग 200 रन जड़े। बल्लेबाजी में सईम अयूब और मोहम्मद रिजवान उस वादे को पूरा नहीं कर पाए जो उन्होंने शुरुआती गेम में दिखाया था। बाबर आजम ने नंबर तीन पर वापस जाने के बाद लगातार तीन हाफ सेंचुरी लगाई है लेकिन दर्शकों को इफ्तिखार अहमद और आजम खान जैसे बल्लेबाजों से भी रनों की जरूरत है। हालांकि जब बड़े पैमाने पर बदलाव की बात आती है तो टीम को कुछ समय तक नए कप्तान और खिलाड़ियों पर भरोसा जताने की जरूरत होती है। अगर आने वाले मैचों में पाकिस्तान को अच्छा करना है तो उसे अपने द्वारा किए गए बदलावों पर कायम रहना होगा और कुछ महीनों में आने वाले विश्व कप को देखते हुए खिलाड़ियों को अधिक मौके देना होगा।