भारत और इंग्लैंड के बीच धर्मशाला टेस्ट के बाद बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। बीसीसीआई ने ‘टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम’ लॉन्च की है। इस स्कीम के तहत टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को फायदा होगा। अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में 75 फीसदी से अधिक टेस्ट मैच खेलता है तो उसे टेस्ट मैच के लिए मिलने वाली फीस के अतिरिक्त 45 लाख रुपये प्रति मैच के हिसाब से मिलेंगे। बीसीसीआई बोर्ड के सचिव जय शाह ने इसका ऐलान किया है।
जय शाह ने इसके साथ ही यह भी बताया है कि किन खिलाड़ियों को इससे फायदा होगा और किसको नहीं। जय शाह ने उदाहरण दिया है कि यह मानते हुए कि एक सीज़न में अगर कम से कम नौ टेस्ट मैच हैं तो ऐसे में 50 फीसदी से कम मतलब चार से कम मैच खेलने वाले खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे। इसके अलावा प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को भी इसका फायदा नहीं होगा। अगर कोई खिलाड़ी 50 फीसदी से अधिक यानी पांच से अधिक टेस्ट खेलता है तो ऐसे में प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को 30 लाख रुपये प्रति मैच मिलेंगे जबकि टीम का हिस्सा रहे ऐसे खिलाड़ी जिन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें 15 लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में 75 फीसदी यानी सात या उससे अधिक मुकाबले खेलता है तो प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को 45 लाख रुपये प्रति मैच मिलेंगे जबकि प्लेइंग इलेवन से बाहर खिलाड़ियों को 22.5 लाख रुपये मिलेंगे। ये सभी पैसे मैच फीस के अतिरिक्त होंगे।
बीसीसीआई का यह कदम टेस्ट क्रिकेट को बचाने और इसे महत्व देने के लिए उठाया गया है। बीसीसीआई ने बीते कुछ समय में खिलाड़ियों से टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने को कहा है। ईशान किशन और श्रेयस अय्यर ने बोर्ड के कहने के बाद भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेला और आईपीएल की तैयारियों में लगे रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि बोर्ड ने 2023-24 सीज़न के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान किया तो इन दोनों खिलाड़ियों को इससे बाहर कर दिया गया।