~आशीष मिश्रा
इंग्लैंड टीम जब भारत आई थी, तब उसने बहुत बड़ी-बड़ी बातें कही थीं। बैजबॉल को लेकर कहा जा रहा था कि टीम इंडिया इसका सामना नहीं कर पाएगी लेकिन सीरीज खत्म होने के बाद सब उल्टा हो गया है। इंग्लिश टीम को मुंह की खानी पड़ी। आलम यह है कि मेहमान टीम का न कोई बल्लेबाज टॉप पर रहा और न ही कोई गेंदबाज। सीरीज 4-1 से हारने के बाद इंग्लैंड के इस बैजबॉल की जमकर आलोचना हो रही है। दूसरे देशों के पूर्व खिलाड़ी तो छोड़िए, इंग्लैंड के ही पूर्व खिलाड़ी टीम के प्रदर्शन की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
बैजबॉल को लेकर इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी माइकल वॉन ने द टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में लिखा कि इंग्लैंड टीम को मैनचेस्टर सिटी के बॉस पेप गार्डियोला की किताब से सीख लेते हुए भारत में अपनी 1-4 से हार की ईमानदारी से समीक्षा करनी चाहिए। टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। टीम पिछली तीन सीरीज नहीं जीत पाई है। बैजबॉल तब सही साबित होगा जब टीम जीते।
हालांकि माइकल वॉन ने टीम का मनोबल बढ़ाते हुए अपने कॉलम में लिखा है कि उन्हें भरोसा है कि टीम फिर से वापसी करेगी क्योंकि उनके पास यह करने की क्षमता है और उन्होंने पूरी दुनिया में यह साबित किया। इसलिए उन्होंने दो बड़ी सीरीज में जीत हासिल की, लेकिन इस बार उनकी बल्लेबाजी बुरी तरह विफल रही। उन्होंने इस फॉर्मेट को रोचक बनाया है और हमेशा ऐसा लगता है कि मैच में कोई मोड़ आने वाला है।
वॉन ने बेन स्टोक्स के बारे में लिखा कि बेन स्टोक्स एक बेहतरीन खिलाड़ी है लेकिन उन्हें बैजबॉल के बारे में सोचना पड़ेगा। उनकी कप्तानी बेहतर रही है लेकिन पिछली तीन सीरीज से उनकी कप्तानी में काफी खामियां नजर आ रही हैं। वॉन ने यह भी लिखा कि उन्हें लगता है कि इस हार के बाद टीम बहुत से बदलाव की ओर बढ़ रही है।
इंग्लैंड टीम के कोच और न्यूजीलैंड के पूर्व खिलाड़ी ब्रेंडन मैकुलम ने सीरीज के बाद अपने कॉलम में लिखा कि भारत ने इंग्लैंड टीम की खामियां उजागर कीं, जिससे उन्हें डरपोक क्रिकेट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। वे कहते हैं कि 1-4 से हार के बाद टीम में सुधार और कुछ कठिन बातचीत की जरूरत है। ‘जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ी, मेहमानों पर अधिक दबाव बनता गया जिससे वह और डरपोक हो गए। जब आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो यह अहसास होता है कि हमें सुधार की जरूरत है। आने वाले कुछ महीनों में हम इस पर काम करेंगे। हम यह तय करेंगे कि जब अगली बार भारत जाएं तो बिल्कुल अलग हों।
ब्रैंडन मैकुलम ने मैच के बाद कहा था- ‘सीरीज के अंत में हममें कॉन्फिडेंस की कमी थी क्योंकि रोहित शर्मा की टीम इंडिया ने मेहमानों पर काफी दबाव बना दिया था। जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ी, हम और अधिक डरपोक हो गए और यह उस दबाव के कारण था, जो भारतीय लाइन-अप द्वारा हम पर डाला गया था। बल्ले से उन्होंने हमें जबरदस्त दबाव में रखा। हमें अपनी टीम के अंदर विश्वास है। पिछले दो सप्ताह में इसे तगड़ी चोट पहुंची है। हमें उन बयानों को लेकर स्मार्ट होना चाहिए था। यह अच्छी बात है कि हम अंदर से मानें कि कुछ भी हासिल किया जा सकता है लेकिन कभी कभार जब हम बोलते हैं तब स्मार्ट होना जरूरी है लेकिन लोग इस तरह के माहौल में आगे बढ़ रहे हैं। अपनी बात आगे रखते हुए मैक्कलम ने कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाड़ियों की बात को उनके घमंड के रूप में नहीं लें। यह सिर्फ उनका आत्मविश्वास है।
भारत ने इंग्लैंड को 4-1 से तब हराया जब टीम में विराट कोहली, केएल राहुल और मोहम्मद शमी जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद नहीं थे। इन सब चीजों ने टीम इंडिया की जीत को और भी बड़ा बना दिया है। अब सभी फैंस की उम्मीद यह है कि टीम डब्ल्यूटीसी का फाइनल जीते और टेस्ट में इतिहास रच दे।