मयंक यादव की गेंदबाज़ी का कौन सा तकनीकी पक्ष है मज़बूत ? … किन क्षेत्रों में करना है सुधार ?

Date:

Share post:

 

मयंक यादव को आईपीएल के पहले दो मैचों में मिली रिकॉर्डतोड़ क़ामयाबी को देखते हुए वह दुनिय भर में चर्चा का विषय बन गए हैं। वीरेंद्र सहवाग और टीम इंडिया के लिए दो टी-20 मैच खेल चुके दिल्ली के कोच परविंदर अवाना ने तो उन्हें जून में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में उतारने की पैरवी कर दी है, वहीं गुरशरण सिंह से लेकर तमाम पूर्व खिलाड़ी उन्हें इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बोर्डर-गावसकर ट्रॉफी में खिलाने की पैरवी कर रहे हैं।

मयंक को जब मैंने बचपन में रोहतक रोड जिमखाना में नेट्स पर गेंदबाज़ी करते देखा था तो वह अलग किस्म के गेंदबाज़ थे लेकिन जब वह सोनेट क्लब गये तो उनकी गेंदबाज़ी की पूरी तरह से कायाकल्प हो गई। इसका श्रेय उन्होंने आज समाज को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सोनेट के तत्कालीन कोच तारक़ सिन्हा को दिया  है। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा कि वह बीच में आध्यात्मिक हो गए थे और पूरी तरह शाकाहारी होने के बावजूद उन्होंने रफ्तार से समझौता नहीं किया। इस पूरे इंटरव्यू को इंडिया न्यूज़ स्पोर्ट्स के यू-ट्यूब चैनल पर देख सकते हैं।

बहरहाल, उन्होंने अपने एक्शन में थोड़ा सा बदलाव किया है। पहले उनका सिर थोड़ा बाईं ओर गिरता हुआ दिखता था लेकिन अब वह स्थिर रहता है। अब वह ज़्यादा फिट दिखते हैं। उनकी गेंदबाज़ी में ज़्यादा लय दिखती है और उनके फॉलोथ्रू में ज़बर्दस्त सुधार हुआ है। उनकी गेंदबाज़ी का रिलीज़ पॉइंट बल्लेबाज़ की तरफ होता है, जिससे उनकी खासकर बाउंसर काफी खतरनाक साबित होती दिखती है।

इतना ही नहीं, उनके पास हाई आर्म एक्शन है। कद-काठी भी छह फुट से कुछ अधिक है। पहले दो मैचों में आठ ओवर की गेंदबाज़ी में छह विकेट हासिल करना और उसमें एक भी वाइड न करना यही ज़ाहिर करता है कि उनके पास सटीक लाइन लेंग्थ है। हालांकि पहले दो मैचों में वह ज़्यादातर शॉर्ट गेंदें करते ही देखे गए।  छह में से पांच विकेट उन्होंने शॉर्ट गेंदों पर ही झटके। बाकी कैमरून ग्रीन का विकेट गुडलेंग्थ पर गेंद को पिच कराकर उन्होंने हासिल किया जो क्लासिक तरीके से हासिल किया गया विकेट था, जिसे ग्रीन समझ नहीं पाए। सवाल यह है कि अगर मयंक मैक्सवेल और ग्रीन जैसे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को भारतीय विकेटों पर परेशान कर सकते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर वह और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। ज़ाहिर है कि वह बोर्डर-गावसकर ट्रॉफी तक और ज़्यादा मैच्योर हो जाएंगे और यही मैच्योरिटी टीम इंडिया के लिए इस दौरे पर काफी काम आ सकती है। अगर उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप में खिलाना है तो उन्हें अभी से मुश्किल ओवरों में गेंदबाज़ी करने की आदत डालनी होगी। बेहतर हो कि उनसे 18वें से 20 ओवर तक दो ओवर की गेंदबाज़ी कराई जाए, जिससे उन्हें मानसिक तौर पर और मजबूत होने में मदद मिलेगी।

अभी तक उनकी तरफ से न तो स्लोवर देखने को मिली और न ही यॉर्कर। मयंक को जब गुडलेंग्थ या शॉर्ट गेंदों से इन दो मैचों में क़ामयाबी मिल रही थी तो फिर क्यों दूसरे प्लान पर जाया जाये। वैसे वह वाइड यॉर्कर भी काफी अच्छे तरीके से करते हैं। आने वाले समय में उनकी टक्कर उमरान मलिक से है। उमरान ने 2022 के आईपीएल में 22 विकेट चटकाए थे लेकिन एक सच यह भी है कि तब मैच पुणे और मुम्बई में हुए थे। वहां की लाल मिट्टी में अच्छा खासा उछाल है, जो उनके लिए काफी मददगार साबित हुआ। वैसे उनके कोच डेनियल विटोरी कहते हैं कि पिचों के मिजाज़ को देखते हुए वह कटर गेंदें भी करने लगे हैं। कुल जमा मतलब यह कि उमरान मलिक को जहां कामयाबी के लिए सपोर्टिंग पिचें चाहिए, वहीं मयंक हर विकेट पर कहर ढा सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Raksha Khadse Releases “Beyond the Field: India’s Sportstech Evolution” Report by FIFS & Deloitte

Minister of State for Youth Affairs and Sports Raksha Khadse, today launched the insightful report titled “Beyond the...

Royal Challengers Bengaluru Appoint Rajat Patidar as Captain, Virat Kohli Confident of Rajat’s Leadership Ability

Royal Challengers Bengaluru (RCB) have named Rajat Patidar as the captain for the upcoming Indian Premier League (IPL)...

Gujarat Giants Ready to Bring “Aggressive Approach” as They Begin WPL 2025 Campaign at Home

The highly anticipated third season of the Women’s Premier League (WPL) is here, and Gujarat Giants are geared...

Gujarat Giants Meet Baroda Cricket Association President Pranav Amin Ahead of TATA WPL Home Debut

As the excitement intensifies for their highly anticipated home debut in the TATA Women's Premier League (WPL) 2025,...