प्राची कपरुवाण
पिछले दिनों भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा टी-20 मैच गक़ेबेरहा में
खेला गया। साउथ अफ्रीका के गेंदबाजो ने भारतीय बल्लेबाजों की कमान अपने
हाथों मे थाम रखी थी। यानी अपना दबदबा बनाए रखा था। साउथ अफ्रीका के
स्पिनर तबरेज शम्सी ने दूसरे मैच में सूर्यकुमार यादव को आउट करते हुए
जश्न मनाया, जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया। शम्सी ने सूर्य
कुमार को आउट करते ही अपना जूता उतार कर कान पर लगा लिया मानों वह फोन पर
किसी से बात कर रहे हों। यह पहली बार नही था। शम्सी ये काफी दफा कर चुके
थे जिसके चलते वो ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए और फैंस ने उन्हे खूब ट्रोल
किया। ट्रोलर्स इतने में भी चुप नहीं बैठे। उन्होने सोशल मीडिया पर उनकी
पत्नी को भी इस पूरे मामले में शामिल करके कमेंट करना शुरू कर दिया।
शम्सी ने इस बारे में कहा कि “लोगों ने इसे नकारात्मक तरीके से लिया। वह
शायद यह सोच रहे थे कि सूर्यकुमार यादव को अपमानित किया गया था। यह पहली
बार नही है जब मैं इन चीजों का सामना कर रहा हूं पर ये अब तक का सबसे
ख़राब अनुभव था क्योंकि इस मामले में मेरी पत्नी को लेकर भी भद्दे कमेंट
किए गए।
यदि आप मुझसे उस मामले पर नाराज़गी ज़ाहिर करना चाहते हैं तो बात समझ में
आती है लेकिन इस तरह उनके परिवार को बीच में लाना बहुत अपमानजनक है। सोशल
मीडिया की मदद लेते हुए उन्होने कहा कि यह सिर्फ एक मजेदार किस्सा था,
जिसका बहुत सारे बच्चे आनंद ले रहे थे और इसका मतलब बल्लेबाज के प्रति
कोई अनादर कतई नहीं है। मैंने पहले भी अनगिनत बार इसका उल्लेख किया है।
आप सभी लोग जो मुझे गालियां दे रहे हैं, वे दरअसल अपने देश के अन्य
क्रिकेट प्रेमी प्रशंसकों को बदनाम कर रहे हैं.. चीयर्स,”।
उनका यह मानना भी है कि अगर खिलाड़ी इस बारे में कुछ नहीं कहते हैं तो
लोग सोचते हैं कि उनके पास कुछ भी कहने का मुफ़्त लाइसेंस है। अधिक लोगों
को बोलने और कहने की ज़रूरत है कि यह ठीक नहीं है। हां, हम सब अपना
सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। हो सकता है कि आपकी टीम जीत न पाए या आप
कुछ बातों से सहमत न हों लेकिन आपको एक इंसान की तरह व्यवहार करने की
जरूरत है।’ आप एक जानवर की तरह व्यवहार नहीं कर रह सकते।” शम्सी का
मानना है कि खिलाड़ियों को ऐसे ऑनलाइन चीज़ों से बचना चाहिए और इसके
खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए।