इन दिनों वर्ल्ड कप क्रिकेट को लेकर दो ही तरह की चर्चाएं हैं। पहली, कई
ऐसे रिकॉर्डों का बनना, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था और दूसरे
उन मैदानों पर उल्लू बोलना जहां टीम इंडिया के मैच नहीं चल रहे हैं। यह
स्थिति कई तरह के सवाल खड़े करती है क्योंकि इससे पहले भारत में हुए
तीनों आयोजनों में उन मैचों में भी अच्छी खासी भीड़ देखी गई थी, जिनमें
टीम इंडिया नहीं थी। यहां तक कि ऐसे मैचों में यह संख्या 50 हज़ार का
आंकड़ा भी कई बार पार कर चुकी थी।
बहरहाल अहमदाबाद में शनिवार को होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर
उम्मीद ज़ाहिर की जा रही है कि इस बार वर्ल्ड कप में दर्शकों की रिकॉर्ड
संख्या का रिकॉर्ड ज़रूर टूटेगा। वैसे भी नरेंद्र मोदी स्टेडियम की दर्शक
क्षमता एक लाख 32 हज़ार है और अगर कुछ सीटों को खाली छोड़ने के बीसीसीआई
के नियमों को मान भी लिया जाए तो यहां सवा लाख दर्शकों की मौजूदगी सम्भव
हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह भी वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा क्योंकि आज तक
वर्ल्ड कप के किसी मैच में इतने दर्शक नहीं आए या दूसरे शब्दों में कहें
तो इतने दर्शकों की व्यवस्था ही नहीं थी। नहीं तो यह रिकॉर्ड पहले ही टूट
जाता। वैसे दर्शकों और टीवी व्यूअरशिप को लेकर रिकॉर्ड टूटने की सम्भावना
की बड़ी वजह यह भी है कि इस बार दोनों टीमें मज़बूत हैं। एक टीम कुछ समय
पहले वर्ल्ड नम्बर वन थी और दूसरी आज की नम्बर वन टीम है। इनमें एक टीम
रिकॉर्ड रनों की संख्या का पीछा करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बना रही है तो दूसरी
टीम के रोहित शर्मा शताब्दी के महान खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर और कपिलदेव के
रिकॉर्ड तोड़ते हुए कई नए रिक़ॉर्ड अपने नाम कर रहे हैं। इसके अलावा इन
दो मुल्कों के बीच भारतीय ज़मीं पर वर्ल्ड कप मैच 13 साल बाद हो रहा है।
वैसे वर्ल्ड कप में दर्शकों की संख्या के मामले में विश्व रिकॉर्ड 2015
में बना था। तब मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच खेले गए
फाइनल मुक़ाबले को देखने के लिए 93,293 दर्शक मौजूद थे। अब यह रिकॉर्ड
भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले मैच के नाम होगा। इसी मैदान पर
आईपीएल का फाइनल खेला गया था। चेन्नई सुपरकिंग्स और गुजरात टाइटंस के बीच
खेले गए इस मैच को देखने के लिए एक लाख दो हज़ार दर्शकों की मौजूदगी दर्ज
की गई थी।
वैसे टीवी दर्शकों के लिहाज से देखें तो अलग-अलग मंचों पर अलग राय ज़ाहिर
की गई है लेकिन फिर भी भारत और श्रीलंका के 2011 के वर्ल्ड कप मैच को
दुनिया भर में 55.8 करोड़ क्रिकेट प्रेमियों ने देखा। इसी वर्ल्ड कप में
भारत-पाकिस्तान सेमीफाइनल 49.5 करोड़, 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफी को 32.4
करोड़ लोगों ने देखा और 2015 के भारत-पाकिस्तान मैच को 31.3 करोड़ लोगों
ने और भारत-साउथ अफ्रीका के बीच इसी वर्ल्ड कप को 30 करोड़ लोगों ने
देखा। ऐसा भी सम्भव है कि यह मैच ट्रेंड-सेटर साबित हो और उसके बाद बाकी
टीमों के मैचों में भी दर्शक आने लग जाएं।