अनीशा कुमारी
भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि मोहम्मद शमी को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ले जाना चाहिए था। उनका रीहैब कार्यक्रम वहीं होना चाहिए था जहां मेडिकल टीम उन पर नज़र रखती। अगर वह वहां एक या दो मैचों के लिए फिट हो जाते तो निश्चय ही भारत को कम से कम सीरीज़ बराबर करने का सुनहरा मौका मिलता।
घरेलू मैदान पर 2023 विश्व कप के शानदार प्रदर्शन के बाद से शमी टीम इंडिया से बाहर रहे। इस साल फरवरी में उनके घुटने की सर्जरी हुई। रणजी ट्रॉफी में वापसी करने में नवम्बर तक का समय लग गया। उन्होंने पिछले दिनों मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी मैच में हिस्सा लिया और 40 ओवर से अधिक की गेंदबाज़ी की। इसके बाद वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के नौ मैचों में उतरे लेकिन इसके बावजूद उन्हें एनसीए से उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलने के अनुमति नहीं मिली क्योंकि एनसीए की मेडिकल टीम ने रिपोर्ट दी कि उनके घुटने में सूजन है।
शमी ने 2023 के विश्व कप की 7 पारियों में 24 विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट अपने नाम किए। उन्होंने विश्व कप के एक आयोजन में किसी भारतीय द्वारा सर्वाधिक विकेट लेने के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। रवि शास्त्री ने कहा कि शमी को हमे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया लेकर जाना चाहिए था। वहां फिजियोथेरेपिस्ट की निगरानी में उन्हें अभ्यास करने का मौका मिलता।
शास्त्री ने ये भी बताया कि कम्यूनिकेशन की कमी की वजह से कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया। उनके बारे में यह अंदाज़ा नहीं हो पाया कि उनका रीहैब कार्यक्रम कब तक चलेगा और वह कब तक मैदान में वापसी करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर ठीक जानकारी होती तो ऐसी नौबत न आती। शमी जैसे योग्य खिलाड़ी की टीम को जरूरत थी।
शास्त्री का मानना है कि शमी अगर फिट हो जाते तो न सिर्फ उनकी शानदार वापसी होती बल्कि जसप्रीत बुमराह के कंधों पर दबाव भी कम होता। बुमराह ने 13.06 के औसत से 32 विकेट हासिल किए। हालांकि, उन्होंने सीरीज़ में 151.2 ओवर की गेंदबाज़ी की और पीठ में तनाव के कारण उन्हें एचसीजी टेस्ट के अंतिम दिन एक्शन से बाहर रहना पड़ा और भारत को शमी की कमी खली।
शास्त्री ने कहा कि पैट कमिंस को जब भी जरूरत पड़ी, स्कॉट बोलैंड ने उनका अच्छा साथ निभाया। शास्त्री ने कहा कि अगर शमी होते तो वह भी बोलैंड की तरह टीम के लिए काफी उपयोगी साबित होते।