प्रखर चतुर्वेदी ने रविवार को शिमोगा में मुंबई के खिलाफ अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में 404 रन की पारी खेलकर कई कीर्तिमान अपने नाम किए। सबसे पहले तो उन्होंने पूर्व भारतीय आलराउंडर युवराज सिंह के 24 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा। 2011 के मैन ऑफ दि टूर्नामेंट के नाम अभी तक कूच बिहार ट्र्रॉफी फाइनल में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड दर्ज था। युवी ने 1999 में पंजाब की ओर से खेलते हुए बिहार के खिलाफ 358 रन बनाए थे। इसके अलावा इस प्रखर की यह पारी इस टूर्नामेंट के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी पारी भी है। 2011-12 सीजन में असम के खिलाफ महाराष्ट्र के विजय जोल ने 451 रन बनाए थे, जो अभी भी कूच बिहार ट्रॉफी में किसी खिलाड़ी का सर्वोच्च स्कोर है।
फाइनल में कर्नाटक का सामना मुबई से था। मुंबई के 380 के जवाब में कर्नाटक ने 890 रन बना डाले। प्रखर के अलावा हर्शिल धर्माणी ने भी 169 रनों की पारी खेली जिससे कर्नाटक को मिली पहली पारी में बढ़त के आधार पर विजयी घोषित कर दिया। प्रखर ने 638 गेंदों का सामना करते हुए 46 चौके और तीन छक्के लगाकर 404 रनों की रिकॉर्डतोड़ पारी खेली।
प्रखर ने अपने इन रनों से कर्नाटक टीम के सिलेक्टरों का ध्यान पक्का अपनी ओर खींचा होगा। इस युवा ओपनर को अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में शामिल नहीं किया गया था साथ ही साथ कर्नाटक के लिए भी अंडर-19 स्कवॉड में उनको जगह नहीं मिली थी। इस रणजी सीजन में वह कर्नाटक के लिए भी खेल सकते हैं क्योंकि यह पारी ठीक उसी समय आई है जब 110 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी कर्नाटक हरियाणा से मैच हार गई। मयंक अग्रवाल की टीम ने अंतिम सात विकेट 17 रनों पर खो दिए।इस स्थिति में प्रखर आने वाले रणजी मैचों में भी दिख सकते हैं।
प्रखर एक शैक्षणिक बैकग्राउंड से आते हैं।उनके पिता बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और मां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में वैज्ञानिक हैं।