वर्ल्ड कप शुरु होने से पहले क्रिकेट वर्ल्ड को यह नहीं पता था कि रचिन रवींद्र कौन है लेकिन निश्चित रूप से आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के ओपनिंग मैच के बाद अब सभी इस नाम से परिचित हो गए हैं। केन विलियमसन की इंजरी ने रचिन के लिए न्यूजीलैंड प्लेइंग इलेवन के दरवाजे खोल दिए और इससे ही रचिन को इंग्लैंड से मैच में टॉप आर्डर में बल्लेबाजी करने का मौका भी मिल गया। रवींद्र ने मिले मौके को दोनों हाथों से लपका और सेंचुरी बनाकर अपनी बैटिंग कौशल को दिखाया। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए रवींद्र ने 96 गेंदों पर 128.12 के स्ट्राइक रेट से 123 रनों की नाबाद पारी में पांच छक्के और 11 चौके लगाए। 23 साल और 321 दिन की उम्र में वह विश्व कप इतिहास में शतक बनाने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गए हैं।
रवींद्र पर न्यूज़ीलैंड क्रिकेट की नजरें बहुत पहले से रहीं हैं। उन्होंने 16 साल की उम्र में अपना पहला अंडर-19 विश्व कप खेला, और अपना प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए डेब्यू वेलिंगटन के बजाय न्यूज़ीलैंड ए के लिए किया। फिर इस खिलाड़ी ने नंवबर 2021 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत भारत के खिलाफ की जहां वह उस मैच में मेजबान की जीत में कांटा बने थे। कानपुर में खेले गए उस टेस्ट की चौथी पारी में रवींद्र ने 91 गेंदों का सामना करके मैच को ड्रॉ कराया था और उस पारी के दौरान यह भी साबित किया कि वह बल्ले से कितना उपयोगी हो सकते हैं।
रचिन रवींद्र एक गेंदबाज के तौर पर जाने जाते थे लेकिन वर्ल्ड कप के दो मैचों में बल्ले से लगातार अच्छे प्रदर्शन ने अब इस कीवी खिलाड़ी को आलराउंडरों के गिनती में शामिल करा दिया है। इंग्लैंड के खिलाफ मैच में नंबर 3 पर आए इस खिलाड़ी की बैटिंग तकनीकी भी कमाल की है। स्पिनर्स के सामने गैप निकालने और मिडिल ओवरों में गेम चलाने की तकनीकी इनको एक बेहतरीन बल्लेबाज भी बनाती है।
रवींद्र के पिता एक पूर्व क्लब खिलाड़ी और क्रिकेट प्रेमी थे। उन्होंने 18 नवंबर 1999 को वेलिंगटन में पैदा हुए अपने बेटे का नाम दो दिग्गज भारतीय क्रिकेटरों के नाम पर रखा। रवींद्र का नाम, रचिन, दो भारतीय महान खिलाड़ियों- सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ से मिलकर बना है।