विराट कोहली कोलम्बो में एक बार फिर लेफ्ट आर्म स्पिनर के शिकार हुए।
श्रीलंका के खिलाफ वेलालगे की एक शॉर्ट गेंद को वह स्क्वेयर लेग पर
खेलना चाहते थे लेकिन गेंद मिडविकेट दिशा में शनाका के हाथों में गई।
जनवरी 2022 से अब तक विराट नौ बार बाएं हाथ के स्पिनर के शिकार बने हैं
और उनके सामने उनका औसत 13 रन का रहा है।
इन नौ मौकों में से वह सात बार कैच आउट हुए। दो बार बोल्ड और एक बार
स्टम्प आउट हुए। इस साल चार बार और पिछले साल पांच बार ऐसा हुआ जिसमें
शाकिब अल हसन, मिचेल सेंटनर और केशव महाराज पर वह दो-दो बार और वेलालगे,
एश्टन एगर और तबरेज शम्सी पर वह एक-एक बार आउट हुए। दरअसल, विराट अक्सर
लेफ्ट आर्म स्पिनर की गेंद की लेंग्थ का सही अंदाज़ा नहीं लगा पाते। टर्न
होती गेंद की पिच तक न पहुंच पाना उनकी सबसे बड़ी समस्या है। इससे या तो
गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई पीछे चली जाती है या फिर आनन-फानन
में कवर की दिशा में बल्ला घुमा देते हैं। इस दिशा में वह चटगांव में
शाकिब की गेंद पर आउट हुए और पार्ल में भी केशव महाराज की गेंद पर पिच तक
पहुंचते ही कवर में ही उनका बल्ला गया। ऐसे ही आनन फानन में वह कोलम्बो
में एशिया कप में मिडविकेट पर लपके गए। ऐसे शॉट्स वह लगाते नहीं, बल्कि
उनसे लग जाते हैं और उसका हश्र आपके सामने है।
विराट आम तौर पर फास्ट बॉलर के सामने ट्रिगर मूवमेंट करते हैं लेकिन
उन्हें स्पिनर के सामने भी ट्रिगर मूवमेंट करनी चाहिए। अगर बॉलर की सीम
पोज़ीशन बाहर निकल रही है तो गेंद हवा में भी ड्रिफ्ट होगी और टिप्पा
पड़ने के बाद भी ड्रिफ्ट होगी, इसका उन्हें अंदाज़ा लगाना होगा। दूसरे
फुटवर्क के मामले में वह आधे मन से ही आगे या पीछे जाते हैं जिससे उन्हें
खासकर लेफ्ट आर्म स्पिनर के सामने ज़्यादा परेशानी होती है। इसके लिए
बेहतर होगा कि वह खासकर घास पर रवींद्र जडेजा को ज़्यादा से ज़्यादा
खेलें। ग्राहम गूच ने बाएं हाथ के स्पिनर मनिंदर सिंह का सामना करने के लिए
कोलकाता में लोकल लेफ्ट आर्म स्पिनर बच्चों के सामने खूब अभ्यास किया था।
विराट कोहली हैदराबाद में मिचेल सेंटनर की लेंग्थ बॉल पर वह डिफेंस करते
हुए बोल्ड हुए। इसी तरह चेन्नै में एश्टन एगर की ऑफ स्टम्प पर पिच हुई एक
लेंग्थ गेंद बल्ले पर सही तरीक से नहीं आई और वह डेविड वॉर्नर के हाथों
लपक लिए गए। न्यूज़ीलैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज़ टॉम लॉथम बेहद खुश होंगे
क्योंकि उन्होंने इस साल विराट कोहली को भी स्टम्प आउट किया और बाबर आज़म
को भी। बाबर को तो उन्होंने तीन बार स्टम्प आउट करने का कमाल किया।
रायपुर में मिचेल सेंटनर की गेंद पर उन्होंने इसी ग़लती को दोहराया और वह
गेंद की पिच तक नहीं पहुंचे और बाकी का काम गेंद को टर्न होने के साथ
पूरा हो गया।
मीरपुर में तो पिछले साल विराट के शाकिब की गेंद पर लिटन दास के हाथों
लपके जाने का तरीका भी बहुत अजीबोगरीब था। इस बार वह शाकिब की फ्लाइट पर
गेंद की पिच तक नहीं पहुंच पाए। साउथ अफ्रीकी दौरे में उन्हें बाएं हाथ
के स्पिनर केशव महाराज ने खूब परेशान किया। इस दौरे में उन्होंने दो बार
और तबरेज शम्सी ने एक बार आउट किया। तबरेज बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर
हैं। उनके सामने विराट लालच में आ गए और अगेंस्ट द टर्न उन्हें स्वीप
खेलना भारी पड़ा। केशव ने पार्ल में उन्हें टर्न और उछाल से छकाया और
वहीं पार्ल में वह कवर पर आसान कैच दे बैठे। मज़ेदार बात यह है कि साउथ
अफ्रीका में तीनों बार उन्हें बावूमा ने कैच किया।
हालांकि लेग स्पिनर एडम ज़ैम्पा से लेकर ऑफ स्पिनर मोइन अली ने भी उन्हें
परेशान किया लेकिन लेफ्ट आर्म स्पिनर का सामना करते हुए कभी ऐसा लगा ही
नहीं कि ये वही विराट कोहली हैं जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 25 हज़ार
से ज़्यादा रन बना चुके हैं। ऊपर दिए सुझावों में स्पिनर के सामने ट्रिगर
मूवमेंट का इस्तेमाल करने, सीम पोज़ीशन का सही अंदाज़ा लगाने और आधे मन
से फुटवर्क में बदलाव करने से बचा जा सकता है। एक बाएं हाथ के स्पिनर का
घास के मैदान पर सामना करके वह इन परेशानियों से बच सकते हैं।