मोहम्मद शमी श्रीलंका के खिलाफ 18 रन में पांच विकेट लेने के साथ ही मैन ऑफ द मैच रहे। उन्होंने सबसे पहले अल्लाह का शुक्रियाअदा किया। उन्होंने कहा कि जितनी हमने कड़ी मेहनत की, उसका फल हमें मिला। हमारे बॉलिंग यूनिट ने शानदार प्रदर्शन किया। एक यूनिट की तरह खेलने को लेकर हम काफी इंजॉय कर रहे हैं।
वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत की ओर से सबसे अधिक विकेट लेने के कमाल पर उन्होंने कहा कि मैं हमेशा अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करता हूं। मेरी कोशिश यही थी कि गेंद को सही जगह पर पिच करूं और अपनी लय को बनाकर रखूं। शमी ने कहा कि यह इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि बड़े टूर्नामेंट में जब आपकी लय बिगड़ती है तो वापसी करना काफी मुश्किल हो जाता है। मैच के शुरू से ही हमारी कोशिश सही जगह पर और सही लेंग्थ पर गेंदबाज़ी करने की रही थी और उन्हें खुशी है कि वह अपने मंसूबे में क़ामयाब रहे।
मोहम्मद शमी ने पांच विकेट लेने के साथ ही वर्ल्ड कप में अपने कुल विकेटों की संख्या को 45 तक पहुंचा दिया। उन्होंने ज़हीर खान और जवागल श्रीनाथ के 44-44 विकेटों के भारतीय रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। इससे भी बड़ी बात यह है कि शमी ने यह कमाल सिर्फ 14 मैचों में किया है जबकि ज़हीर खान को 44 विकेट के आंकड़े तक पहुंचने में 23 मैच लगे। इस सूची में बुमराह के 33 और कुम्बले के 31 विकेट हैं। वर्ल्ड कप में सबसे अधिक पांच विकेट तीन बार चटकाने के मिचेल स्टार्क के रिकॉर्ड की भी उन्होंने बराबरी कर ली है। हालांकि ग्लेन मैकग्रॉ ने 39 मैचों में 71 विकेट हासिल किए हैं लेकिन वह भी वर्ल्ड कप में पारी में पांच विकेट दो ही बार हासिल कर पाए हैं। मैकग्रॉ का औसत 18.19 रन प्रति पारी है जबकि मोहम्मद शमी का औसत 12.91 रन का रहा है।
शमी वनडे में भारत के लिए पारी में सबसे ज़्यादा बार पांच विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए हैं। उन्होंने यह कमाल चार बार किया है। उन्होंने इस वर्ल्ड कप में न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका के खिलाफ पांच-पांच विकेट और इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट हासिल किए। उन्होंने लेंग्थ में बदलाव करके भी इस बार विकेट चटकाए। असलंका और चमीरा को उन्होंने शॉर्ट पिच पर, दासुन हेमंता को फुलर पर और कसुन रजीता को लेंग्थ बॉल पर आउट किया। एंजेलो मैथ्यूज़ को उन्होंने एक ऐसी इनस्विंग पर आउट किया, जिस पर कोई भी बल्लेबाज़ होता तो वह गच्चा खा जाता।