~आशीष मिश्रा
श्रेयस अय्यर की रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए वापसी किसी बुरे सपने की तरह रही। स्टार बल्लेबाज केवल आठ गेंदों में तीन रन बनाकर पविलियन लौट गए। पिछले कुछ समय से विवादों से घिरे श्रेयस अय्यर को संदीप वॉरियर ने क्लीन बोल्ड किया।
हाल ही में श्रेयस को बीसीसीआई ने अपने केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया था। इसके बाद वह पहला प्रतिस्पर्धी मैच खेलने उतरे थे। अय्यर इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में भारतीय स्क्वाड का हिस्सा थे लेकिन खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। अय्यर ने ग्रोइन और कमर में जकड़न की शिकायत की थी। हालांकि बीसीसीआई ने उनकी फिटनेस अपडेट नहीं दी थी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक श्रेयस अय्यर को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया था और बीसीसीआई ने उनकी इंजरी को लेकर कोई अपडेट नहीं दिया था।
श्रेयस अय्यर का प्रदर्शन टेस्ट मैचों में काफी समय से खराब चल रहा है। पिछले पांच टेस्ट मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 48 रन का रहा है जो उन्होंने रणजी ट्रॉफी में आन्ध्र प्रदेश के खिलाफ बनाया था। वह साउथ अफ्रीका दौरे पर भी कुछ खास नहीं कर पाए थे। दो मैचों की सीरीज वह मात्र 41 रन ही बना सके।
श्रेयस अय्यर पिछले कुछ समय से भारत के मध्य क्रम का अहम हिस्सा बन चुके थे। उनकी सबसे बड़ी काबिलियत है उनका स्पिन गेंदबाजी को बड़े आराम से खेलना। वह अपनी लंबी रेंज और तकनीक के कारण स्ट्राइक बड़ी आसानी से रोटेट कर पाते हैं जिससे टीम पर रन बनाने का दबाव नहीं बनता लेकिन पिछले कुछ समय से उनकी यह ताकत उनकी कमजोरी बनती जा रही है। वह इंग्लैंड के खिलाफ चार पारियों में तीन बार स्पिन गेंदबाजों का शिकार बने हैं। पहले उन्हें शॉर्ट पिच गेंदो को खेलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था लेकिन उनकी इस नई कमी ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं।
उन्होंने अभी तक भारत के लिए 14 टेस्ट मैचों में 811 रन बनाए हैं और 59 वनडे मैचों में 2383 रन ठोके हैं। उम्मीद तो यही है कि बीसीसीआई का उन्हें केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर देना उन पर किसी तरह का मानसिक परेशानी नहीं देगा और वह जल्द ही वापसी करते नजर आएंगे।