अनीशा कुमारी

भारत के खिलाफ बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के अंतिम टेस्ट के लिए एससीजी पिच को संतोषजनक पिच करार दिया गया है। इस पिच का मिजाज़ सिडनी की पुरानी पिच से एकदम अलग था, जहां तेज गेंदबाजों का दबदबा देखा गया और जहां सीम मूवमेंट और कुछ असमान उछाल की वजह से गेंदबाज़ों को मदद मिली।

हालांकि सुनील गावस्कर ने पिच की जमकर आलोचना करते हुए कहा था कि ये पिच टेस्ट फॉर्मेट के लिए नहीं बनी है क्योंकि मैच सिर्फ तीन दिन में खत्म हो गया। ग्लेन मैकग्रॉ ने कहा कि इतनी घास उन्होंने इस पिच पर इससे पहले कभी नहीं देखी। गावस्कर और मैकग्रा के अलावा ऑस्ट्रेलिया के कुछ मौजूदा खिलाड़ियों ने भी इस पिच के बारे में बहुत अच्छी राय नहीं रखी। उस्मान ख्वाजा ने इसे बदबूदार बताया। उन्होने बताया कि वह इसके बारे में पहले से ज्यादा बात नहीं करना चाहते थे लेकिन विकेट बदबूदार थी। नई घास के साथ एससीजी आदर्श विकेट की तरह नहीं था, इस पर काफी दरारें थी। दरअसल हम मैच जीत गए लेकिन जब इस तरह का विकेट होता है तो आप हमेशा सम्भलकर खेलने की ज़रूरत होती है जबकि भारतीय कोच गौतम गंभीर ने कहा कि ऐसी पिचें टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए खासी अहम हैं।

सिडनी पिच को एक अच्छी बल्लेबाजी विकेट माना जाता है, जहां टेस्ट मैच के चौथे और पांचवें दिन स्पिनरों को मदद मिलती है। पिच पर गाबा की तरह उछाल नहीं था और न ही वाका की तरह तेज गति थी लेकिन इसमें थोड़ा टर्न है, जिससे  स्पिनरों  अपना हाथ आजमा सकते हैं।

एससीजी में अब तक की सबसे कम  दिनों  तक चला और चुनौतीपूर्ण  पिच के होने  के कारण बल्लेबाजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सिडनी की पिच शुरू में बल्लेबाज़ों के अनुकूल मानी जा रही थी लेकिन यहां शुरू से ही पिच ने बल्लेबाजों को परेशान किया। बाद में सतह पर चौड़ी दरार दिखाई दीं, जिससे तेज गेंदबाजों को खेल पर हावी होने में काफी मदद मिली।

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