बेशक आईपीएल ऑक्शन में इस बार 20 करोड़ का बैरियर टूटा हो लेकिन यह भी सच है कि दुबई में हुए इन मिनी ऑक्शन में ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क को पौने 25 करोड़ रुपये मिलने में गुजरात टाइटंस का भी योगदान रहा। न वह इतनी बड़ी बोली लगाते जाते, न केकेआर बोली में आगे बढ़ता जाता। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस को 20.50 करोड़ रुपए की मोटी धनराशि में सनराइजर्स हैदराबाद ने अपनी टीम में शामिल किया। उनकी धनराशि को इतना ऊपर ले जाने में आरसीबी का भी बड़ा योगदान रहा। भारतीयों में हर्षल पटेल सबसे महंगे रहे जिन्हें पौने 12 करोड़ रुपये में पंजाब किंग्स ने खरीदा। इतना ही नहीं, इस ऑक्शन में सात अनकैप्ड खिलाड़ी करोड़पति बन गए।
कानपुर के रहने वाले समीर रिजवी को सीएसके में 8.40 करोड़ रुपए में अपनी टीम में शामिल किया। उन्हें मिली राशि बेस प्राइज़ से 42 गुना ज़्यादा है। शुभम दुबे (5.80 करोड़) राजस्थान रॉयल्स में, शाहरुख खान (7.40 करोड़) गुजरात टाइटंस में, विकेटकीपर बल्लेबाज़ कुमार कुशाग्र (7.20 करोड़) दिल्ली कैपिटल्स में और तेज़ गेंदबाज यश दयाल (5 करोड़) आरसीबी में शामिल किए गए।
सवाल है कि आखिर पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क के दाम 20 करोड़ कैसे पार हो गए जबकि इससे पहले किसी भी खिलाड़ी को इतनी धनराशि नसीब नहीं हुई थी। इसकी एक वजह ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की मांग का बढ़ना है। कमिंस में तीन खूबियां हैं। तेज़ गेंदबाज़ी, कप्तानी और लोअर ऑर्डर की ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी। इसी तरह स्टार्क न सिर्फ रफ्तार में सबको पीछे छोड़ते हैं बल्कि उन्होंने हाल में इंटरनैशनल क्रिकेट में कई आला दर्जे की टीमों को खासा परेशान किया है। यहां तक कि टीम इंडिया भी उनके सामने बहुत आरामदायक स्थिति में नहीं रह पाई है। दूसरी वजह बिडिंग वॉर है जिससे इन दोनों के दाम बढ़ते चले गए। वैसे भी यह आईपीएल के मिनी ऑक्शन हैं, जहां ज़्यादातर टीमों को पांच से सात खिलाड़ियों की ही ज़रूरत थी जिनमें खासकर केकेआर और एसआरएच ने क्रमश: मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस पर दिल खोलकर पैसा लुटाया।
स्टार्क आईपीएल में आरसीबी की ओर से आठ साल पहले खेल चुके हैं। तब वह 13 मैचों में 20 विकेट के साथ पांचवें स्थान पर थे। सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में उनका इकॉनमी रेट सबसे अच्छा (6.76) रहा। हाल के प्रदर्शन में भी उन्होंने कई तगड़ी टीमों को परेशान किया है, जिसमें टीम इंडिया भी शामिल है। उनकी एक अच्छी बात यह भी है कि वह अपने खेल पर पूरी तरह केंद्रित रहते हैं। अगर वह टेस्ट क्रिकेट पर फोकस थे तो उन्होंने दुनिया भर में चल रहे लीग क्रिकेट से खुद को अलग रखा। यही वजह है कि उनके लिए गुजरात टाइटंस से लेकर केकेआर, दिल्ली और मुम्बई तक ने बोली लगाई।
बाकी पैट कमिंस पर एसआरएच और आरसीबी ने आखिर तक संघर्ष किया। इसकी बड़ी वजह यह है कि दोनों टीमों को कप्तान की तलाश है। कमिंस ने हाल में ऑस्ट्रेलियाई टीम की बेहतरीन तरीके से कप्तानी की है। डब्ल्यूटीसी और वनडे का वर्ल्ड कप दिलाने वाली टीम के वह कप्तान रहे। एसआरएच के पास काफी पैसा बचा था, जो उसने कमिंस पर लगा दिया।