बेशक रोहित शर्मा अफगानिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया के कप्तानी कर रहे हों लेकिन हार्दिक पांड्या सबसे छोटे फॉर्मेट में टीम इंडिया की योजना के लीडरशिप ग्रुप के अहम सदस्य हैं। बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार इस फॉर्मेट से जुड़े हर मसले में उनकी राय ली जाती है क्योंकि उनके पास दूरगामी योजना बनाने वाला अहम दिमाग है।
बीसीसीआई सूत्र के अनुसार टी-20 क्रिकेट के हर फैसले में उन्हें लूप में लिया जाता है। वह अब टखने की इंजरी से भी पूरी तरह उबर चुके हैं। ऐहतियात के तौर पर उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया से बाहर रखा गया है। हार्दिक को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे वर्ल्ड कप मैच के दौरान फॉलोथ्रू में गेंद को रोकते हुए इंजरी हुई थी, जिसके बाद से वह कोई भी मैच नहीं खेल पाए।
यहां गौरतलब है कि टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़, चयन समिति के अध्यक्ष अजित आगरकर, कप्तान रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या ने एक मीटिंग में मोहम्मद शमी पर एक बड़ा फैसला लिया। शमी ने हर फॉर्मेट में अपनी उपयोगिता दिखाई है। पिछले दिनों वनडे वर्ल्ड कप में भारत के फाइनल में पहुंचने में उनके 24 विकेटों का सबसे बड़ा योगदान था। उनके बारे में बड़ा फैसला यह लिया गया कि टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का खाका तैयार होने के बाद उसका आकलन किया जाएगा। अगर तेज़ गेंदबाज़ी में कोई गुंजाइश रही तो मोहम्मद शमी की फिटनेस और इस फॉर्मेट में उनके खेलने की इच्छा शक्ति को देखा जाएगा। तीनों बातें पूरी होने पर उनका टीम में चयन कर लिया जाएगा।
बहरहाल टीम इंडिया जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज के अलावा बाएं हाथ के सीमर अर्शदीप सिंह और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के रूप में चार तेज़ गेंदबाज़ों को वर्ल्ड कप के फाइनल इलेवन में देख रही है। मुकेश कुमार बैकअप ऑप्शन होंगे। इसी तरह अलग-अलग स्थानों के लिए टीम कुछ खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट कर चुकी है। अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज़ और उसके बाद आईपीए के पहले चरण के मैचों में उन्हीं खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नज़र बनाए रखी जाएगी।
बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि हार्दिक पांड्या शानदार खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि स्ट्रैटजिक माइंड वाले कप्तान भी हैं। उन्हें सबसे छोटे फॉर्मेट की काफी अच्छी समझ है। टीम इंडिया पर उनके इनपुट काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। हालांकि आईपीएल के पिछले दो पड़ावों और 2023 में खेले 11 टी-20 मैचों में उनका स्ट्राइक रेट बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। साथ ही यह भी सच है कि वह अब स्ट्राइक रेट के लिए नहीं, बल्कि टीम को जिताने पर ज़्यादा केंद्रित रहते हैं और फिनिशर के रोल में मैच को जिताकर लौटने में विश्वास करते हैं। हाल में अहमदाबाद में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ चार विकेट और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ प्रोविडेंस में तीन विकेट चटकाने के साथ ही उन्होंने साबित किया कि वह गेंदबाज़ी में टीम इंडिया के फ्रंटलाइन बॉलर की भूमिका को बखूबी निभा सकते हैं। उनके साथ मसला फिटनेस को लेकर है क्योंकि बार-बार अनफिट होने से टीम को मंझदार में छोड़ने का असर बुरा पड़ सकता है।