अनफिट खिलाड़ियों को टीम में रखने के पीछे कौन ? ईशान और संजू में छिड़ी नई बहस

Date:

Share post:

क्या केएल राहुल और श्रेयस अय्यर पूरी तरह से फिट नहीं हैं। क्या
चयनकर्ताओं को उनकी फिटनेस की पूरी जानकारी नहीं दी गई थी। क्या
चयनकर्ताओं ने इनकी फिटनेस जानते हुए भी राहुल द्रविड़ के दबाव में
इन्हें टीम में शामिल करने का जोखिम उठाया।

ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिसके परिणाम टीम इंडिया को अगले कुछ दिनों में
भुगतने पड़ सकते हैं। मसलन, टीम की घोषणा के समय ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में
चीफ सेलेक्टर अजित आगरकर ने साफ कर दिया था कि केएल राहुल अपने दाएं जांघ
की समस्या से उबर गए हैं लेकिन अब निगल इंजरी से जूझ रहे हैं। सवाल है कि
अपनी पुरानी इंजरी से उबरने के बाद राहुल फिर से इंजर्ड कैसे हो गए जबकि
वह कोई प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेले ही नहीं हैं। अगर नेट्स पर अभ्यास के
दौरान उन्हें यह दिक्कत हुई है तो फिर एशिया कप या वर्ल्ड कप में वह इस
समस्या से कैसे बच पाएंगे, इसका जवाब वह ही दे सकते हैं।

सम्भावना यह ज़ाहिर की जा रही है कि केएल राहुल एशिया कप के पहले दो
मैचों में शायद ही उतर पाएं। पाकिस्तान के खिलाफ उनके जैसे अनुभवी
खिलाड़ी की टीम को ज़रूरत थी। वैसे भी नसीम शाह और आफरीदी ने उन्हें
शीर्ष क्रम में काफी परेशान भी किया है। अब उनके पास उसका माकूल जवाब
देने का अच्छा मौका था वैसे भी कैंडी में उनका सामना करना उतना
चुनौतीपूर्ण नहीं है जितना कि इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया में है।

अब यहां सवाल यह है कि टीम मैनेजमेंट केएल राहुल की जगह संजू सैमसन को
खिलाने पर आमादा है। क्या इसलिए कि वह नम्बर चार पर बल्लेबाज़ी करते रहे
हैं जबकि ईशान किशन पर बैकअप ओपनर का ही ठप्पा लगा दिया गया है। अगर ऐसा
है तो यह पॉज़ीटिव सोच नहीं है क्योंकि यही टीम मैनेजमेंट नम्बर चार और
नम्बर पांच की पोज़ीशन को फ्लेक्सिबल बनाए रखने की वकालत करता रहा है तो
फिर यह विरोधाभास क्यों। यह सच है कि ईशान किशन ने वनडे में डबल सेंचुरी
बतौर ओपनर ही बनाई है और यह भी कि वह हाल में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ बतौर
ओपनर खेलते हुए ही वनडे में मैन ऑफ द सीरीज़ रहे थे लेकिन वहीं यह भी सच
है कि आईपीएल में वह नम्बर तीन से नम्बर पांच तक हर जगह खेले हैं। वनडे
टीम में तो उन्होंने नम्बर तीन पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ रांची में 93 और
इसी पोज़ीशन पर कोलम्बो में श्रीलंका के खिलाफ अपने पहले वनडे मैच में 59
रन की पारी खेली थी।

ईशान किशन हर फॉर्मेट की ज़रूरत के हिसाब से खेलते है जबकि संजू सबसे
छोटे फॉर्मेट में इतने रचे-बसे हैं कि वह वनडे भी टी-20 के ही अंदाज़ में
खेलते हैं। हालांकि टीम में एक या दो बेहद आक्रामक बल्लेबाज़ी करने वाले
खिलाड़ी होने चाहिए लेकिन वनडे क्रिकेट केवल बड़े शॉट्स खेलने वाले
खिलाड़ी के लिए नहीं है। यहां ज़रूरत पड़ने पर धैर्य भी दिखाना पड़ता है।
यहां स्ट्राइक रोटेट करने का काफी महत्व होता है। मगर संजू इस मामले में
ईशान किशन से कहीं पिछड़ते दिखते हैं। अगर उनका करियर औसत 55 प्लस का है
तो इसकी बड़ी वजह उनका पांच बार नॉटआउट होना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

The Legend Bar: Kapil Dev and Three Sixty Launch a Limited-Edition Tribute to Cricket History

In a unique blend of sport, legacy, and craftsmanship, Three Sixty Leather, in collaboration with cricket legend Kapil...

Universe Boss Returns: Gayle, Pollard & Bravo Reunite for West Indies Champions in WCL 2025

WCL 2025: Cricket’s most iconic trio—Chris Gayle, Kieron Pollard, and Dwayne Bravo—are back in maroon as they reunite...

IND vs ENG 1st Test 2025: Rishabh Pant Opens Up on Leadership, Team Culture & Emotional Responsibility

IND vs ENG 1st Test 2025: As India gears up for the much-anticipated 1st Test against England in...

Wriddhiman Saha interview: Wriddhiman Saha Backs Bengal Pro T20 League as Grassroots Game-Changer, Speaks on India’s England Tour & Shubman Gill’s Leadership

Wriddhiman Saha interview: Former India wicketkeeper Wriddhiman Saha, in an exclusive interview with India News, hailed the Bengal...