टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले के लिए 15 खिलाड़ियों को चुना गया था, जिसमें ईशान किशन भी शामिल थे। हालांकि, ईशान को इस मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। विकेटकीपर की जिम्मेदारी केएस भरत ने निभाई। ईशान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्ऱॉफी के लिए भारतीय टीम में भी थे, लेकिन उन्हें यहां भी कोई मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया। उनकी जगह केएस भरत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खिलाया गया, लेकिन भरत ने अपने खराब प्रदर्शन के साथ खासा निराश किया।
ऐसे में अब केएस भरत को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि भरत को अगले महीने होने वाली वेस्टइंडीज के दौरे से ड्रॉप किया जा सकता है। भरत की जगह ईशान किशन को मौका मिलने के आसार हैं। लेकिन इन सभी के बीच ईशान ने दलीप ट्रॉफी खेलने से मना कर दिया है। जिससे उनके टेस्ट करियर पर सवाल खड़ा हो गया है।
कप्तानी का मौका गवाया
ईशान के पास यह अच्छा मौका था कि वह अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित करें और टेस्ट टीम में पंत के विकल्प बनकर उभरें। हालांकि, ईशान ने घरेलू टूर्नामेंट खेलने से मना कर दिया है। ऐसे में चयनकर्ता किसी अन्य विकल्प की तरफ देख सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईस्ट जोन सिलेक्शन समिति के मेंबर ने बताया कि उन्होंने जोनल समिति से पूछा था कि क्या वो ईशान किशन को चुन सकते हैं लेकिन, पता लगा की ईशान किशन ने दलीप ट्रॉफी खेलने से मना कर दिया है। उनके इस निर्णय के बाद सलामी बल्लेबाज अभिमन्यू ईश्वरन को ईस्ट जोन का कप्तान नियुक्त किया गया है।
चयनकर्ता ने कहा कि ईशान वनडे क्रिकेट में भारत के नियमित खिलाड़ी है इसलिए उन्हें कप्तानी मिल सकती थी। इस दौरान उनसे फोन पर बात हुई लेकिन उन्होंने कहा कि, वो दलीप ट्रॉफी नहीं खेलना चाहते हैं और उन्होंने हमसे साफ कहा कि, उन्हें कोई चोट या कुछ और नहीं है, बस वो हिस्सा नहीं लेना चाहते हैं।
ईशान ने साल 2021 में भारत के लिए टी20 में डेब्यू किया था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था, उस वक्त तक वो 48 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके थे, जिसमें उन्होंने 38.76 की औसत के साथ 2985 रन बनाए थे। ऐसे में अगर वो दलीप ट्रॉफी खेलते तो हो सकता था कि उन्हें आत्मविश्वास हासिल होता और ऐसे में वो टेस्ट टीम में भी अपनी जगह पक्की कर सकते थे लेकिन, अब उन्होंने घरेली टूर्नामेंट खेलने से मना कर दिया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या उन्हें वेस्टइंडीज के दौरे में भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया जाएगा या चयनकर्ता अन्य विकल्पों पर गौर करेंगे।