– Sourabh Arora
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की रीढ़ कहे जाने वाली मिताली राज ने अपने 23 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया है। टी20 क्रिकेट से वह पहले ही रिटायरमेंट ले चुकी थीं। हालांकि, टेस्ट और वनडे क्रिकेट में उन्होंने खेलना जारी रखा था लेकिन अब उन्होंने बाकी दोनों फॉर्मेट को भी अलविदा कह दिया।
मिताली राज ने एक बल्लेबाज के अलावा एक कप्तान के तौर पर भी खूब सफलता हासिल की थी और इसकी शुरुआत उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले मैच में ही हो गई थी। जहां महज़ 16 की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाली मिताली राज ने अपने वनडे डेब्यू मैच में आयरलैंड के खिलाफ 114 रनों की पारी खेली थी वहीं वर्ष 2002 में अपने करियर के तीसरे ही टेस्ट मैच में मिताली ने एक पारी में सर्वाधिक स्कोर बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम पर दर्ज किया था। जहां मिताली ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई महिला बल्लेबाज कैरन रॉल्टन के 209 रनों के सर्वाधिक स्कोर को पार करते हुए एक पारी में 214 रन बनाए थे।
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मिताली के नाम एक खास रिकॉर्ड और दर्ज है जिसे हासिल करने वाली वह एकमात्र महिला क्रिकेटर भी हैं। दरअसल, मिताली ने अपने 23 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान कुल छह वनडे विश्वकप खेले हैं। यह उपलब्धि इससे पहले पुरुषों के क्रिकेट में केवल दो खिलाड़ियों के नाम थी। इसमें पहला नाम पाकिस्तान के बल्लेबाज जावेद मियांदाद का है और दूसरा नाम पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर का है।
मिताली की सफलताओं में एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि वह दो बार बतौर कप्तान वनडे विश्वकप का फाइनल खेल चुकी हैं और उनके अलावा भारतीय मेंस और विमेंस क्रिकेट में और कोई कप्तान यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है।