– रितिक कपूर 4th June :
आईपीएल के बाद अब बारी है खिलाड़ियों के इंटरनैशनल मुक़ाबलों में उतरने की। अब टीम इंडिया नौ जून से साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज खेलेगी जहां रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया है और केएल राहुल को कप्तानी की कमान सौंपी गई है।
के एल राहुल की कप्तानी का रिकॉर्ड कुछ खास नहीं है। राहुल ने साउथ अफ्रीका के दौरे पर एक टेस्ट मैच में कप्तानी की थी जिसमें विराट कोहली इंजरी की वजह से नहीं खेल पाए थे और साथ ही उन्होंने तीन वनडे मैचों की कप्तानी भी की थी जहां इन सभी मैचों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था और उनका कप्तानी का रिकॉर्ड 0-4 हो गया। इस सबके बावजूद चयनकर्ताओं ने केएल राहुल पर भरोसा जताया है और खुद को साबित करने का एक और मौका दिया है। लखनऊ सुपर जायंट्स के अलावा के एल राहुल आईपीएल में पंजाब किंग्स की भी कप्तानी कर चुके हैं और इसमें कोई शक नहीं कि के एल राहुल के पास आईपीएल में कप्तानी का काफी अनुभव है लेकिन पंजाब किंग्स की कप्तानी करते हुए के एल राहुल को 50 फीसदी ही सफलती मिल पाई थी लेकिन वह टीम को ट्रॉफी जिताने में क़ामयाब नहीं हो पाए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज़ में केएल राहुल के पास अच्छा मौका होगा। अगर केएल राहुल इस मौके को भुनाने में असफल रहे तो उन्हें शायद ही दोबारा मिल सके। वह भी जानते हैं कि कप्तानी की कतार में अब हार्दिक पांड्या का नाम भी जुड़ चुका है।
ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी पहले ही कतार में हैं
साउथ अफ्रीका सीरीज़ में केएल राहुल की बल्लेबाज़ी का भी इम्तिहान होगा। आईपीएल के 15वे सीज़न में केएल राहुल ने लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी की थी जिसमे टीम प्लेऑफ तक पहुंची थी और केएल राहुल ने भी बल्ले से खासा प्रभावित किया था जिसमे उन्होंने 600 से ज़्यादा रन बनाए थे लेकिन वह उतनी आतिशी पारियां नहीं खेल पाए थे, जितनी कि इस फॉर्मेट में ज़रूरी होती हैं। इसी तरह के उन पर कई सवाल उठे। अब राहुल की ओर से इन चुनौतियों का जवाब देने का वक्त आ गया है।