चेतेश्वर पुजारा और उमेश यादव की टीम इंडिया से छुट्टी बहुत कुछ बयान करती है। वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए इन दोनों खिलाड़ियों का चयन नहीं हुआ है जबकि मोहम्मद शमी को रेस्ट दिय गया है। साथ ही चयनकर्ताओं ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के लिए भी एक तरह से खतरे की घंटी बजा दी है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि ये सभी खिलाड़ी प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे हैं और कई वर्षों से इन्होंने टीम इंडिया को अपनी सेवाएं दी हैं। मगर हाल में इनका प्रदर्शन बेहद औसत दर्जे का रहा है। ऐसे में जो युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें टीम में मौका दिया जाने का यह सही समय है। इसी बात के मद्देनज़र टीम ने यशस्वी जायसवाल, रुतुराज गायकवाड़ और मुकेश कुमार के रूप में युवा खिलाड़ियों को टीम में जगह दी है। चेतेश्वर पुजारा ने बांग्लादेश दौरे के के एक टेस्ट में 90 और 102 रन की पारियां खेलकर धाकड़ प्रदर्शन किया था लेकिन केवल यही प्रदर्शन टीम इंडिया में चुने जाने की गारंटी नहीं है। इसके बाद की दस पारियों में उनके नाम एक भी हाफ सेंचुरी नहीं है। वहीं उमेश यादव पिछले तीन वर्षों से तीन-तीन टेस्ट ही खेल पा रहे हैं। यानी उनकी टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में भी जगह पक्की नहीं है। इसके अलावा इनकी लाइन एंड लेंग्थ भी लगातार एक सी नहीं रह पाती। एक ओवर की चार गेंदें अच्छी करने के बाद अगली गेंद लेग साइड से बाहर करने की वजह से न सिर्फ उनकी इकॉनमी प्रभावित होती है बल्कि वह लगातार बल्लेबाज़ पर दबाव भी नहीं