जब वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए टी-20 फॉर्मेट की टीम का ऐलान हुआ तो हर किसी
की ज़ुबान पर रिंकू सिंह का नाम था। मगर रिंकू को निराश होने की ज़रूरत
नहीं है। उनका चयन अगले कुछ दिनों में एशियाई खेलों के लिए भारतीय
क्रिकेट टीम में किया जाना तय है। इन खेलों में क्रिकेट का टी-20 फॉर्मेट
होगा। ज़ाहिर है कि रिंकू के अलावा रुतुराज गायकवाड़ और जीतेश शर्मा के
भी इन खेलों के लिए चुने जाने की अच्छी खासी संभावनाएं हैं। बीसीसीआई को
15 जुलाई से पहले ओलिम्पिक काउंसिल ऑफ एशिया को खिलाड़ियों के नामों को
भेजना है।
शिखर धवन को इस टीम का कप्तान बनाया जाना करीब तय माना जा रहा है और
वीवीएस लक्ष्मण इस टीम के कोच होंगे। ऐसा नहीं है कि जिन खिलाड़ियों को
वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए चुना गया है, उन्हें इस टीम में जगह नहीं दी जा
सकती। इस टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो इस साल होने वाले वर्ल्ड कप के
संभावितों में नहीं हैं। उमरान मलिक, अर्शदीप सिंह और तिलक वर्मा कुछ ऐसे
ही नाम हैं जिनके नाम पर एशियाई खेलों के लिए चुनी जाने वाली भारतीय टीम
के लिए विचार किया जा सकता है। रुतुराज गायकवाड़ और राहुल चाहर का भी
वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए टी 20 टीम में चयन नहीं हुआ है। इन दोनों का भी
इन खेलों की टीम के लिए दावा मजबूत है।
साथ ही रोहित शर्मा, विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, मोहम्मद शमी और
मोहम्मद सीराज को भी इन खेलों से अलग ही रखा जाएगा। यह पहला ऐसा मौका है
जब बीसीसीआई ने इन खेलों के लिए अपनी दोनों टीमों (पुरुष और महिला) को
भेजने का फैसला किया है। क्रिकेट को एशियाई खेलों में पहली बार 2010 में
शामिल किया गया था। तब बांग्लादेश ने अफगानिस्तान को फाइनल में हराकर
गोल्ड मेडल हासिल किया था जबकि चार साल बाद इसके अगले आयोजन में श्रीलंका
ने अफगानिस्तान को ही फाइनल में हराकर पहली बार गोल्ड मेडल हासिल किया।
इस तरह अफगानिस्तान को दोनों मौकों पर सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।
इस बार एशियाई खेलों की तारीखें वर्ल्ड कप के आयोजन से टकरा रही हैं
जिससे बीसीसीआई ने दोनों आयोजनों में टीमें उतारने का फैसला किया है।
इससे पहले 2021 में भारत की एक टीम विराट कोहली की अगुवाई में इंग्लैंड
के खिलाफ सीरीज़ खेल रही थी और दूसरी टीम शिखर धवन की कप्तानी में
श्रीलंका में खेली थी। इसी तरह 1998 में भारत की एक टीम सहारा कप में
उतरी और दूसरी टीम क्वालालम्पुर में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में खेली थी।