~आशीष मिश्रा
देवदत्त पडिक्कल ने शानदार हाफ सेंचुरी लगाकर अपने टेस्ट क्रिकेट का आगाज किया है। जिस तरह से उन्होंने अपनी पहली पारी में अंग्रेज गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए, उनमें एक अनुभवी खिलाड़ी की झलक दिखाई देती है।
धर्मशाला टेस्ट में केएल राहुल का उपलब्ध न होना और रजत पाटीदार के खराब प्रदर्शन के कारण उनका टीम से बाहर हो जाना इन सब चीजों ने देवदत्त पडिक्कल के लिए टीम में आने के दरवाजे खोल दिए।
देवदत्त पडिक्कल ने शुरुआत से आक्रामक बल्लेबाजी की और तेजी से रन बनाए। उन्होंने 65 रन की अपनी पारी में दस चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत बेन स्टोक्स की गेंद पर चौका लगा कर की। उनकी इस पारी में सबसे ज्यादा रन उन्होंने कवर क्षेत्र में बनाए। वैसे भी बाएं हाथ के बल्लेबाज जब कवर ड्राइव लगाते हैं तो उसे क्रिकेट में खूबसूरत शॉर्ट के तौर पर जाना जाता है। पडिक्कल ने जेम्स एंडरसन जैसे दिग्गज गेंदबाज के एक ही ओवर में तीन चौके लगाए जो इस खिलाड़ी की काबिलियत को दर्शाता है मगर वह शोएब बशीर की अंदर आती गेंद पर गलती कर बैठे और बोल्ड हो गए।
देवदत्त पडिक्कल इस कमाल की बल्लेबाजी के पीछे उनकी शॉर्ट खेलते वक्त वह स्थिरता है जो उन्हें गेंद को सही तरीके से हिट करने में मदद करती है। उनकी सिर की पोजीशन भी स्थिर रहती है जिससे वह सही तरीके से गेंद की लाइन में आकर गेंद को खेल सकते हैं। देवदत्त पडिक्कल ने घरेलू क्रिकेट में भी कमाल की प्रदर्शन किया है। उन्होंने 31 फर्स्ट क्लास मैचों में 2227 रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 193 का रहा है। उन्होंने आईपीएल में अपनी शुरुआत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से की थी। अभी तक आईपीएल में उन्होंने कुल 57 मैच खेले हैं जिसमें 1521 रन बनाए हैं।
देवदत्त पडिक्कल ने सरफराज खान के साथ 97 रनों की साझेदारी की जिसने टीम की स्थिति को और मजबूत कर दिया। उनकी सरफराज के साथ साझेदारी से यह ज़ाहिर होता है कि वह हर हालात में अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं। सरफराज खान ने भी अच्छी बल्लेबाजी की और 60 गेंदों में 56 रन बनाए। दोनों युवा बल्लेबाजों ने मिलकर शानदार बल्लेबाजी की और अंग्रेज गेंदबाजों को खूब परेशान किया। उम्मीद है कि यह युवा खिलाड़ी आने वाले समय भारत के लिए इसी तरह अच्छा प्रदर्शन करता रहेगा।