Lovlina के आरोपों ने खेल जगत को झकझोर दिया

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– Sports Correspondent

टोक्यो ओलिम्पिक में मेडल जीतने वाली बॉक्सर Lovlina बोरगोहेन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सबको चौंका दिया है जिसमें उन्होंने मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। लवलीना ने कहा है कि उनके कोच के साथ बुरा व्यवहार किया गया जिससे वह बहुत परेशान हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके मुक़ाबले से आठ दिन पहले उनकी ट्रेनिंग रुक गई है।

ओलिंपिक मेडलिस्ट  लवलीना फिलहाल कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने के लिए बर्मिंघम में हैं। खेलों में उनके मुक़ाबले में अभी आठ दिन बाकी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। लवलीना ने कहा कि उनके कोच के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है, जिसकी वजह से वह बहुत परेशान हैं। इस वजह से उनकी ट्रेनिंग भी रुक गई है।

लवलीना ने ट्विटर पर लिखा-  मैं बड़े ही दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ प्रताड़ना हो रही है। हर बार मेरे कोच, जिन्होंने मुझे ओलंपिक में पदक लाने में मदद की, उन्हें बार-बार हटा कर मेरी ट्रेनिंग और मेरे कॉम्पिटिशन में दखल डालने की कोशिश की जा रही है और इससे मैं बेहद प्रताड़ित हूं। इनमें से मेरी एक कोच संध्या गुरुंग द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित भी हैं। मेरे दोनों कोच को कैंप में भी ट्रेनिंग के लिए हज़ार बार हाथ जोड़ने के बाद शामिल किया जाता है और वह भी आखिरी क्षणों में। लवलीना ने लिखा- मुझे इससे ट्रेनिंग में बहुत परेशानियां उठानी पड़ती हैं और मानसिक प्रताड़ना तो होती है। अभी मेरी कोच संध्या गुरुंग कॉमनवेल्थ विलेज (खेल गांव) के बाहर हैं और उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है और मेरी ट्रेनिंग भी रुक गई है। मेरे दूसरे कोच को भी वापस भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे इतने अनुरोध करने के बावजूद ऐसा हुआ। ऐसी स्थिति में अपने खेल पर कैसे पूरी तरह फोकस रख सकती हूं। इसी वजह से उनकी पिछली वर्ल्ड चैंपियनशिप भी खराब गई थी। इस राजनीति की वजह से मैं कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने प्रदर्शन को खराब नहीं करना चाहती। आशा करती हूं कि मैं मेरे देश के लिए इस राजनीति को तोड़कर पदक ला पाऊं। जय हिंद। लवलीना ने पिछले साल टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया था। उन्होंने ओलिंपिक में 69 किग्रा भार वर्ग में चीनी ताइपे की पूर्व वर्ल्ड चैंपियन निएन चिन चेन को 4-1 से हराकर पदक पक्का कर लिया था।

लवलीना के ये आरोप किस पर हैं, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, इससे यह साफ है कि खेल गांव में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बॉक्सिंग फेडरेशन ने खिलाड़ियों और स्टाफ की जो पहली लिस्ट भेजी थी, उसमें संध्या गुरुंग का नाम नहीं था। इसके बाद बीएफआई ने एक अपडेटेड लिस्ट भेजी थी, उसमें भी संध्या को नहीं रखा गया था। बाद में लवलीना की मांग पर संध्या का नाम साई को भेजा गया। साई ने संध्या को भेजने के लिए स्वीकृति दी। अब जब संध्या बर्मिंघम पहुंचीं तो उन्हें खेल गांव में एंट्री नहीं दी जा रही है। वास्तव में इस घटना ने पूरे खेल जगत को झकझोर दिया है।

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